Property Registry New Rules : जमीन रजिस्ट्री का बदल गया नियम, इन कारणों से हो सकती है रजिस्ट्री कैंसिल!

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Property Registry New Rules : भारत में जमीन खरीदना हर किसी के लिए एक बड़ा फैसला होता है। जब कोई व्यक्ति प्लॉट या संपत्ति लेता है तो सबसे पहले उसके मन में यही सवाल आता है कि क्या इस जमीन की रजिस्ट्री करना सही रहेगा? कहीं बाद में कोई कानूनी झंझट तो नहीं होगा?

पहले रजिस्ट्री की प्रक्रिया बहुत ही जटिल होती थी और प्रोसेस होने में काफी समय भी लग जाता था। इसके अलावा भ्रष्टाचार और फर्जी दस्तावेजों का डर भी हमेशा बना रहता था। लेकिन अब साल 2025 में चीजें काफी बदल गई हैं। सरकार ने जमीन रजिस्ट्री से जुड़ी प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है।

इससे न केवल प्रक्रिया पारदर्शी बनी है बल्कि अब समय की बचत भी हो रही है और धोखाधड़ी के मामलों में भी काफी कमी आई है। लोगों का भरोसा इस नई व्यवस्था में अब पहले से ज्यादा मजबूत हो रहा है। आइए नए रजिस्ट्री नियम के बारे में विस्तार से जानते है।

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Table of Contents

नया रजिस्ट्री नियम क्या है? Property Registry New Rules 2025

अगर आप जमीन खरीदने की सोच रहे हैं तो सरकार ने 1 जनवरी 2025 से Property Registry New Update 2025 Hindi के तहत कई नए नियम लागू कर दिए हैं। अब जमीन की रजिस्ट्री पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है। यानि सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की झंझट खत्म! साथ ही आधार कार्ड से लिंकिंग अब जरूरी कर दी गई है।

और रजिस्ट्री प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री फीस का भुगतान अब आप UPI, नेट बैंकिंग या डेबिट/क्रेडिट कार्ड से बड़ी आसानी से कर सकते हैं। साथ ही हर प्रॉपर्टी को एक यूनिक प्रॉपर्टी आईडी दी जाएगी और ई-स्टांपिंग भी अब अनिवार्य कर दी गई है। यह बदलाव पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों के लिए एक बड़ा कदम है।

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नया डिजिटल रजिस्ट्री प्रोसेस कैसा होगा?

अब जमीन की रजिस्ट्री पहले जैसी नहीं रही। Property Registry Rules में बदलाव के बाद पूरी प्रक्रिया अब डिजिटल हो चुकी है। सभी जरूरी दस्तावेज अब ऑनलाइन डिजिटल फॉर्मेट में ही जमा करने होंगे। रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर काटने की जरूरत भी नहीं होगी क्योंकि अब डिजिटल सिग्नेचर और डिजिटल सर्टिफिकेट की सुविधा उपलब्ध है।

इस नए सिस्टम की वजह से न केवल प्रक्रिया में तेजी आई है बल्कि पारदर्शिता और सुरक्षा भी पहले से बेहतर हो गई है। पूरा रजिस्ट्रेशन अब घर बैठे किया जा सकता है जिससे लोगों का समय भी बचेगा और बेवजह की भागदौड़ से राहत भी मिलेगी।

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आधार लिंकिंग से क्या होगा फायदा?

अब जमीन की रजिस्ट्री में आधार कार्ड लिंक करना जरूरी कर दिया गया है। इससे यह पता चल पाएगा कि खरीदने और बेचने वाले लोग वाकई वही हैं जो डॉक्यूमेंट्स में दिख रहे हैं। असली पहचान की पुष्टि होने से बेनामी संपत्तियों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी।

साथ ही बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की मदद से फर्जी दस्तावेजों और धोखाधड़ी की गुंजाइश काफी हद तक खत्म हो जाएगी। ये बदलाव न सिर्फ सिस्टम को मजबूत बना रहा हैं बल्कि आम लोगों को भी सुरक्षित और भरोसेमंद रजिस्ट्री का अनुभव प्रदान कर रहा हैं।

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रजिस्ट्री प्रक्रिया की होगी वीडियो रिकॉर्डिंग

Jamin Registry New Rules के तहत अब रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी कर दी गई है। यह जरूरी इसलिए किया गया अगर भविष्य में कोई विवाद या झगड़ा होता है तो यह रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर पेश की जा सके।

इससे न सिर्फ खरीददार और विक्रेता को भरोसा मिलेगा बल्कि पूरी प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित भी हो जाएगी। अब हर कदम कैमरे की नजर में होगा जिससे किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

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फीस भुगतान ऑनलाइन कर पाएंगे

New Property Rules In India के तहत अब रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान पूरी तरह डिजिटल हो गया है। अब आपको कैश लेकर सरकारी दफ्तर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। UPI, नेट बैंकिंग या डेबिट/क्रेडिट कार्ड जैसे विकल्प की मदद से आप आसानी से ऑनलाइन भुगतान कर पाएंगे।

इस बदलाव से यह प्रक्रिया पहले की तुलना में ज्यादा सरल हो गई है। वहीं कैश लेन-देन खत्म होने से रिश्वत और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

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क्या है यूनिक प्रॉपर्टी आईडी और क्यों है जरूरी

अब हर जमीन और प्रॉपर्टी को एक यूनिक प्रॉपर्टी आईडी (Unique Property ID) दी जा रही है जो उसकी एक तरह से डिजिटल पहचान होगी। इस नई व्यवस्था से सरकार को हर प्लॉट और संपत्ति का सटीक रिकॉर्ड रखना आसान हो जाएगा। साथ ही खरीददार के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है।

इससे वह यह जान पाएगा कि जिस संपत्ति को वह खरीद रहा है वह पहले किसके नाम पर था और क्या उस पर कोई कानूनी विवाद है या नहीं। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़ों पर रोक लगेगी। जमीन खरीदने का भरोसा अब और मजबूत हो गया है।

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रजिस्ट्री के लिए डिजिटल स्टांपिंग का उपयोग होगा।

अब पारंपरिक स्टांप पेपर का दौर लगभग खत्म हो चुका है। इसकी जगह ई-स्टांपिंग यानी डिजिटल स्टांप का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है। इस नए सिस्टम से नकली स्टांप पेपर और फर्जी दस्तावेजों पर काफी हद तक रोक लगेगी। क्योंकि अब सबकुछ ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है। इसलिए किसी भी तरह की हेराफेरी की गुंजाइश बेहद कम रह गई है।

क्या खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री कैंसिल की जा सकती है?

नए नियमों के मुताबिक कुछ खास स्थितियों में खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री 90 दिनों के भीतर रद्द करवाई जा सकती है। अगर रजिस्ट्री किसी गलत या अवैध तरीके से हुई हो या पेमेंट में धोखाधड़ी पाई जाए या संपत्ति को लेकर कोई पारिवारिक विवाद खड़ा हो जाए।

तो आप इसके खिलाफ आवेदन कर सकते हैं। यह सुविधा उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो किसी धोखे का शिकार हो गए हैं और अपनी संपत्ति को लेकर न्याय चाहते हैं।

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जमीन की रजिस्ट्री रद्द कराने की प्रक्रिया क्या है?

अगर आपको जमीन की रजिस्ट्री रद्द करानी है तो यह प्रक्रिया, क्षेत्र के अनुसार थोड़ी अलग हो सकती है। शहरी इलाकों में इसके लिए नगर निगम या संबंधित निबंधन विभाग से संपर्क करना होता है। जबकि गांवों में तहसील कार्यालय जाना होगा।

आपको अपनी आपत्ति का स्पष्ट पत्र, हाल ही में हुई रजिस्ट्री की कॉपी, पहचान प्रमाण जैसे जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे। कई राज्यों ने अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी कर दी है। आप संबंधित पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं और उसकी स्थिति घर बैठे ही ट्रैक कर सकते हैं।

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नए जमीन रजिस्ट्री नियमों से क्या लाभ मिलेंगे?

नए जमीन रजिस्ट्री नियमों से कई अहम फायदे मिलेंगे। आइए जानते है :

  • अब रजिस्ट्री के लिए घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  • धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की संभावना बहुत कम हो जाएगी।
  • भ्रष्टाचार में कमी आएगी।
  • पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य बन जाएगी।
  • सरकार को टैक्स और राजस्व की सही वसूली होगी।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी डिजिटल प्रक्रिया से आसानी से जुड़ पाएंगे।
  • रजिस्ट्री अब सरल और कम झंझट वाली हो गई है।

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नए रजिस्ट्री नियमों से जुड़ी संभावित चुनौतियाँ

यह बदलाव जरूरी और सकारात्मक हैं। लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट और डिजिटल साक्षरता की कमी बड़ी रुकावट है। साथ ही पुराने कागजातों को डिजिटल करना भी चुनौतीपूर्ण है। इसलिए सरकार को इन पहलुओं पर भी ध्यान देने की जरूरत होगी।

Conclusion

भारत में जमीन की खरीद-बिक्री अब पहले से कहीं ज्यादा आसान और सुरक्षित हो गई है और इसमें Property Registry New Rules की बड़ी भूमिका है। ये नए नियम डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल करके प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज और भरोसेमंद बनाते हैं।

अब धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार को कम करने में काफी मदद मिलेगी। हालांकि कुछ चुनौतियां भी हैं लेकिन सही दिशा में उठाए गए कदम पूरे सिस्टम को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकती है।

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Disclaimer

यह लेख 2025 में लागू हुए जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न सरकारी स्रोत से ली गई है। जमीन खरीदने या बेचने से पहले आप अपने राज्य के आधिकारिक पोर्टल या संबंधित विभाग से ताज़ा और सही जानकारी जरूर हासिल करें। ध्यान रहे यह नियम राज्यों के हिसाब से थोड़ा अलग भी हो सकता हैं इसलिए किसी भी कानूनी कदम से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लीजिए।

FAQ’s : Property Registry New Rules से संबंधित सवाल

1. क्या जमीन की रजिस्ट्री पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है?

जी हां, अब पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया डिजिटल हो गई है। जिससे आपका समय और मेहनत दोनों बचेगा।

2. रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी कैसे भरी जा सकती है?

अब आप UPI, नेट बैंकिंग या क्रेडिट/डेबिट कार्ड से ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं।

3. आधार कार्ड लिंक करना क्यों जरूरी है?

यह असली मालिकाना हक साबित करने और फर्जीवाड़े को रोकने में मदद करता है।

4. क्या रजिस्ट्री रद्द भी हो सकती है?

हाँ, कुछ विशेष परिस्थितियों में 90 दिन के भीतर रजिस्ट्री रद्द करवाई जा सकती है। जैसे धोखाधड़ी या विवाद की स्थिति में।

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