UPI New Guidelines : बैलेंस चेक करने से लेकर ट्रांजेक्शन तक, UPI में बदल रहा ये 5 नियम

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UPI New Guidelines : अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए यह जानकारी बेहद अहम है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) 1 अगस्त 2025 से यूपीआई से जुड़े कुछ नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इन बदलावों का मकसद UPI को और ज्यादा सुरक्षित, स्थिर और आसान बनाना है।

NPCI के 21 मई 2025 के नए सर्कुलर के मुताबिक सभी बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP) को 10 सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले UPI API जैसे बैलेंस चेक, ऑटोपे मेंडेट और ट्रांजैक्शन स्टेटस जैसे रिक्वेस्ट पर कंट्रोल रखना होगा।

इसके साथ ही अब कुछ सेवाओं का उपयोग सीमित बार ही किया जा सकेगा। ये सभी नए नियम 1 अगस्त से लागू होंगे। जो खासकर आम यूजर्स और व्यापारियों पर असर डाल सकते हैं। UPI से जुड़े क्या-क्या बदलाव होने वाले है आइए जानते है।

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क्या है नया नियम | UPI New Guidelines

अगर आप भी PhonePe, Google Pay या Paytm जैसे अलग-अलग ऐप्स से UPI का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बता दे कि जल्द ही UPI की कुछ सबसे ज्यादा यूज की जाने वाली सुविधाओं पर लिमिट लगने जा रही है। दरअसल NPCI उन फीचर्स पर कंट्रोल लागू कर रहा है जिन्हें यूजर्स दिन में कई बार यूज करते हैं।

जैसे कि बैलेंस चेक या ऑटोपे रिक्वेस्ट। इसका मकसद UPI नेटवर्क पर बेवजह के लोड को कम करना है ताकि सिस्टम बेहतर तरीके से काम कर सके। नए नियमों के मुताबिक बैंक और पेमेंट ऐप्स को यह ध्यान रखना होगा कि हर API रिक्वेस्ट की स्पीड और संख्या तय सीमा में रहे।

चाहे वो रिक्वेस्ट यूजर ने भेजी हो या सिस्टम ने सभी पर कंट्रोल जरूरी होगा। अगर कोई बैंक या ऐप इन गाइडलाइंस को नजरअंदाज करता है तो NPCI उस पर सख्त एक्शन भी ले सकता है। इससे UPI पेमेंट ऐप के इस्तेमाल करने का तरीका थोड़ा बदल भी सकता है।

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क्यों किया जा रहा ये बदलाव

NPCI का कहना है कि कुछ UPI ऐप बार-बार बैलेंस या अकाउंट डिटेल्स चेक करने की वजह से सिस्टम पर बेवजह का दबाव डाल रहे थे। इससे नेटवर्क की रफ्तार और स्थिरता दोनों प्रभावित हो रही थीं। अब जो नई लिमिट्स तय की गई हैं उनका मकसद सिस्टम की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाना है। साथ ही इससे यूज़र्स को भी ज्यादा सुरक्षित और बेहतर अनुभव मिलेगा।

हर दिन 50 बार ही कर पाएंगे बैलेंस चेक

नई गाइडलाइन के मुताबिक अब UPI यूजर्स एक दिन में ज्यादा से ज्यादा 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेंगे। चाहे आप PhonePe इस्तेमाल करें या Paytm हर ऐप पर यह लिमिट समान रूप लागू होगी। यानी एक ऐप पर 50 बार बैलेंस चेक करने के बाद उस दिन के लिए ये सुविधा बंद हो जाएगी। दरअसल कई यूजर्स दिन में बार-बार बैलेंस चेक करते हैं।

जिससे सर्वर पर बेवजह का लोड बढ़ता है। इसका सीधा असर ऐप की स्पीड और परफॉर्मेंस पर पड़ता है। इसी वजह से NPCI ने इस लिमिट को लागू किया है ताकि सिस्टम स्मूद और फास्ट बना रहे। ये बदलाव जरूरी तो है लेकिन इसके चलते यूजर्स को अपने बैलेंस चेक करने की आदत में थोड़ा बदलाव लाना पड़ेगा।

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यूजर्स नॉन पीक-आवर्स में ही कर सकेंगे बैलेंस चेक

NPCI ने कुछ खास वक्त को पीक आवर्स घोषित किया है। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक। इन समयों में UPI से जुड़ी सर्विसेज़ जैसे बैलेंस चेक या ट्रांजैक्शन स्टेटस पर लिमिट लगाई जाएगी। अगर आप बार-बार बैलेंस देखने की कोशिश करते हैं।

तो ऐप पर “Try Again Later” या “Could Not Process” जैसा मैसेज मिल सकता है। इसका मकसद जरूरी ट्रांजैक्शन को प्राथमिकता देना है। NPCI ने बैंकों को यह भी कहा है कि हर ट्रांजैक्शन के बाद यूजर को उसका बैलेंस दिखाया जाए ताकि लोग बार-बार बैलेंस चेक न करें। वहीं अगर आप Netflix, Amazon Prime, SIP या इंश्योरेंस जैसे ऑटोपे सर्विस का इस्तेमाल करते हैं।

तो ध्यान रखें कि अब ये केवल नॉन-पीक आवर्स यानी कम भीड़ वाले समय में ही काम करेंगी। हर ऑटोपे मेनडेट के लिए केवल एक बार कोशिश होगी जिसे ज़रूरत पड़ने पर अधिकतम तीन बार दोहराया जा सकता है पर सिर्फ TPS लिमिट के अंदर और नॉन-पीक समय में।

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ट्रांजैक्शन के बाद बैंक देंगे बैलेंस की जानकारी

NPCI ने सभी बैंकों को साफ निर्देश दिए हैं कि हर ट्रांजैक्शन के बाद ग्राहकों को उनके अकाउंट बैलेंस की जानकारी भेजी जाएगी। इससे यूजर्स को बार-बार बैलेंस चेक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही पीक टाइम के दौरान बार-बार की जाने वाली बैलेंस रिक्वेस्ट को कंट्रोल करने के लिए UPI ऐप्स में अब खास तकनीकी उपाय भी किए जाएंगे।

इसका उद्देश्य UPI नेटवर्क को स्थिर बनाए रखना है ताकि सभी यूजर्स को एक समान और बेहतर अनुभव मिल सके। यह बदलाव बेहतरीन सिस्टम और यूजर की सुविधा दोनों के लिए जरूरी है।

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बैंक या पीएसपी नियम तोड़े तो होगी सख्त कार्रवाई

NPCI के सर्कुलर में साफ कहा गया है कि अगर कोई बैंक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) इन नए नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। इसमें API को ब्लॉक करना, भारी जुर्माना लगाना या नए ग्राहकों को जोड़ने की प्रक्रिया पर रोक लगाना भी शामिल है।

इसके अलावा सभी PSP को 31 अगस्त 2025 तक NPCI को एक अंडरटेकिंग जमा करनी होगी। इस अंडरटेकिंग में उन्हें यह वादा करना होगा कि उनके सिस्टम द्वारा जनरेट की जाने वाली सभी API रिक्वेस्ट को एक तय क्रम में “Queue” किया जाएगा और उनकी स्पीड पर नियंत्रण रखा जाएगा।

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मोबाइल नंबर से लिंक्ड खाता की जानकारी

अब किसी भी UPI ऐप को यह जांचने की अनुमति सिर्फ 25 बार ही होगी कि किसी मोबाइल नंबर से कौन-कौन से बैंक अकाउंट जुड़े हुए हैं। और यह भी तभी संभव होगा जब यूज़र खुद इसकी मंजूरी देगा और यह तय करेगा कि किस बैंक से जानकारी लेनी है। यानी अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से यूज़र की सहमति पर आधारित होगी।

UPI यूजर्स पर इसका प्रभाव

अगर आप भी दिन में कई बार UPI ऐप खोलकर बार-बार बैलेंस चेक करते हैं या छोटे-छोटे ट्रांजैक्शन करते हैं तो अब आपको थोड़ी सावधानी बरतनी होगी। नई गाइडलाइन के आने के बाद ऐसी आदतें जेब पर भारी पड़ सकती हैं क्योंकि बार-बार की गई रिक्वेस्ट पर भविष्य में चार्ज लगने की संभावना है।

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ऐसे में बेहतर होगा कि आप बैलेंस चेक करने या पेमेंट करने से पहले एक बार सोच लें कि क्या वाकई इसकी जरूरत है। UPI का स्मार्ट और सीमित इस्तेमाल आपको अतिरिक्त शुल्क से बचा सकता है। इसलिए आदतों में थोड़ा बदलाव लाना पड़ेगा। लेकिन इससे सिस्टम भी बेहतर चलेगा और आपका अनुभव भी सुगम रहेगा।

Conclusion

1 अगस्त 2025 से UPI से जुड़े कुछ नियम थोड़े कड़े जरूर हो जाएंगे। लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है। ये बदलाव आपकी सुरक्षा, बेहतर स्पीड और सुविधाजनक अनुभव को ध्यान में रखते हुए लाए जा रहे हैं। अब ज़रूरत है कि हम UPI का इस्तेमाल थोड़ी समझदारी और प्लानिंग के साथ करें।

आशा करता हूं दोस्तो UPI New Guidelines की यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी कर दे ताकि और भी लोगों को इस नई अपडेट की जानकारी मिल सके। इसी तरह की जानकारी आपको हमेशा मिलती रहेगी। बस आप हमारे ब्लॉग साइट पर बने रहिए।

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