सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब Unified Pension Scheme का विकल्प चुनने की आखिरी तारीख बढ़ा दी गई है। पहले यह डेडलाइन 30 जून 2025 तय की गई थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दिया गया है।
वित्त मंत्रालय ने यह निर्णय हितधारकों की मांग को देखते हुए लिया है। इस फैसले से उन केंद्र सरकार के रिटायर्ड और दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को राहत मिलेगी जो फिलहाल NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) के तहत आते हैं।
Unified Pension Scheme का विकल्प अब उनके लिए भी खुला है। यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए एक नया मौका लेकर आई है जो पुरानी पेंशन प्रणाली के लाभ की अपेक्षा कर रहे थे। सरकार के इस कदम को कर्मचारियों के हित में एक सकारात्मक निर्णय माना जा रहा है।
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यूनिफाइड पेंशन स्कीम किन कर्मचारियों के लिए लागू है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ उन केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा जो 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल हुए थे और जिन्हें नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत शामिल किया गया था।
अब ऐसे कर्मचारियों को यह विकल्प दिया गया है कि वे NPS के बजाय Unified Pension Scheme को चुन सकते हैं। सरकार ने उन्हें अपनी पसंद से योजना चुनने का यह सुनहरा मौका दिया है जिससे वे अपनी पेंशन सुरक्षा को लेकर बेहतर निर्णय ले सकें।
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यूनिफाइड पेंशन स्कीम कैसे है ओल्ड पेंशन स्कीम से अलग?
पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारी को अंतिम मूल वेतन का 50% हर महीने पेंशन के रूप में मिलता था वो भी सुनिश्चित राशि के रूप में। लेकिन Unified Pension Scheme इससे काफी अलग है। यह एक अंशदायी योजना है जिसमें कर्मचारी को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% योगदान देना होगा।
वहीं केंद्र सरकार यानी नियोक्ता 18.5% तक का योगदान करेगी। हालांकि इस योजना में मिलने वाली पेंशन की राशि तय नहीं होती क्योंकि यह पूरी तरह मार्केट रिटर्न पर निर्भर होती है। यानी इसमें पेंशन की गारंटी नहीं है। लेकिन लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है।
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करीब 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
सरकार की इस नई पहल से करीब 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलने वाला है। जिन्हें अब यह स्वतंत्रता दी गई है कि वे Unified Pension Scheme और National Pension System में से किसी एक योजना को चुन सकें।
यह कदम पेंशन सिस्टम को ज्यादा लचीला और कर्मचारियों की जरूरतों के हिसाब से अनुकूल बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। इससे कर्मचारियों को न सिर्फ विकल्प मिलेगा बल्कि अपनी भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को लेकर भी वे बेहतर निर्णय ले सकेंगे। यह पेंशन सुधार की दिशा में सरकार का एक बड़ा और सकारात्मक प्रयास है।
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यूनिफाइड पेंशन स्कीम कब से होगी प्रभावी?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम को देशभर में 1 अप्रैल 2025 से लागू कर दिया गया है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 24 अगस्त 2024 को कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। यह स्कीम पुराने और नए पेंशन सिस्टम के बीच एक संतुलित मॉडल के रूप में देखी जा रही है।
जहां एक ओर यह OPS की गारंटी देता है वहीं दूसरी ओर NPS की तरह निवेश आधारित रिटर्न की संभावना भी रखता है। इस नई व्यवस्था से कर्मचारियों को लंबे समय के लिए वित्तीय सुरक्षा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार ने इसे एक बड़ा सुधार माना है।
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यूनिफाइड पेंशन स्कीम के फायदे
सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम एक नई उम्मीद लेकर आई है। यह स्कीम ना केवल भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखती है बल्कि यह पुरानी और नई दोनों पेंशन योजनाओं की खूबियों को मिलाकर एक संतुलित मॉडल प्रस्तुत करती है। आइए इस योजना के क्या फायदे मिलेंगे जानते है।
1. पेंशन का विकल्प चुनने की आज़ादी
सबसे बड़ा फायदा यह है कि कर्मचारी अब खुद तय कर सकते हैं कि उन्हें National Pension System (NPS) में रहना है या Unified Pension Scheme का विकल्प चुनना है। यह स्वतंत्रता पहले नहीं थी।
2. नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान
इस योजना में कर्मचारी को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% योगदान देना होगा। इसके साथ ही सरकार (नियोक्ता) 18.5% तक योगदान देगी जिससे भविष्य के लिए मजबूत फंड तैयार होगा।
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3. लंबी अवधि की वित्तीय सुरक्षा
यूनिफाइड पेंशन स्कीम मार्केट-लिंक्ड होने के बावजूद लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न का वादा करती है। रिटायरमेंट के बाद आर्थिक चिंता से राहत मिलने की उम्मीद की जा सकती है।
4. पुरानी और नई योजना का संतुलन
यह स्कीम एक तरह से Old Pension Scheme की गारंटी और NPS की निवेश आधारित संरचना का मेल है। यानी न तो पूरी तरह सरकारी बोझ और न ही पूरी जिम्मेदारी कर्मचारी पर।
5. पारदर्शिता और नियंत्रण
इस स्कीम में कर्मचारी को अपने फंड की निगरानी करने और निवेश के विकल्पों पर नजर रखने की सुविधा मिलती है। इससे पारदर्शिता बनी रहती है और फंड का बेहतर प्रबंधन संभव होता है।
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6. परिवार के लिए सुरक्षा
यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को पेंशन लाभ का अधिकार मिलेगा। यह सुविधा अब तक NPS में काफी सीमित थी।
7. रिटायरमेंट के बाद नियमित आय
Unified Pension Scheme रिटायरमेंट के बाद एक नियमित मासिक आय की व्यवस्था करती है जिससे कर्मचारी को जीवन यापन में कोई परेशानी न हो।
Conclusion
Unified Pension Scheme सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। यह योजना न सिर्फ पेंशन प्रणाली को अधिक लचीला बनाती है बल्कि कर्मचारियों को अपनी जरूरतों और भविष्य की योजना के अनुसार सही विकल्प चुनने की स्वतंत्रता भी देती है।
यदि आप 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए हैं और NPS के अंतर्गत आते हैं तो Unified Pension Scheme आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। समय रहते इस स्कीम की शर्तों को समझें, फायदे जानें और एक सूझबूझ भरा फैसला लें। ताकि रिटायरमेंट के बाद आपका भविष्य पूरी तरह सुरक्षित रहे।
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