Mutual Fund Expense Ratio : म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले Expense Ratio ज़रूर चेक करें, वरना पछताना पड़ सकता है!

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जब हम म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो हम अक्सर सिर्फ रिटर्न और रिस्क को देखते हैं लेकिन एक बेहद जरूरी पहलू को नज़रअंदाज़ कर देते हैं वह है Mutual Fund Expense Ratio। यह वो फीस होती है जो म्यूचुअल फंड हाउस आपसे आपके निवेश को मैनेज करने के लिए चार्ज करता है।

भले ही यह प्रतिशत में छोटा लगे लेकिन लंबे समय में यह आपके कुल रिटर्न पर बड़ा असर डाल सकता है। एक समझदार निवेशक के लिए जरूरी है कि वह एक्सपेंस रेशियो को समझे उसका विश्लेषण करे और उसके आधार पर सही फंड का चयन करे।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो क्या होता है, कैसे काम करता है, इसका असर निवेश पर कैसे पड़ता है और कैसे हम सही एक्सपेंस रेशियो वाले फंड चुन सकते हैं।

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Table of Contents

म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेशियो क्या है?

म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेशियो वह चार्ज होती है जो फंड हाउस, यानि AMCs (Asset Management Companies) निवेशकों से उनके पैसे को मैनेज करने के लिए वसूलती हैं। इसे ही Mutual Fund Expense Ratio कहा जाता है। इसमें शामिल होते हैं फंड मैनेजर की फीस, प्रशासनिक खर्च, ऑडिट फीस, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन खर्च।

उदाहरण के तौर पर अगर किसी फंड का एक्सपेंस रेशियो 1.5% है और आपने 1,00,000 रुपए निवेश किया है तो हर साल 1500 रुपए आपके फंड से काट लिए जाएंगे मैनेजमेंट खर्च के तौर पर। ये कटौती आपके रिटर्न में शामिल नहीं होती बल्कि सीधे आपके NAV से घटा दी जाती है।

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एक्सपेंस रेशियो की गणना कैसे होती है? How To Calculate Expense Ratio In Mutual Fund

Expense Ratio = Total Annual Expenses / Total Assets Under Management

चलिए इसे उदाहरण से समझते है।

मान लीजिए किसी म्यूचुअल फंड का कुल सालाना खर्च 10 करोड़ रुपए है और उसके अंतर्गत कुल निवेश (AUM) 1000 करोड़ रुपए है तो..

Expense Ratio = (10 / 1000) × 100 = 1%

यानी हर साल निवेशकों के रिटर्न से 1% खर्च के रूप में काटा जाएगा।

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एक्सपेंस रेशियो का निवेश पर प्रभाव

जब आप किसी Mutual Fund में निवेश करते हैं तो निवेश का कुछ हिस्सा फीस के रूप में कटता है जिसे Mutual Fund Expense Ratio के नाम से जाना जाता हैं। ये चार्ज सीधे आपके रिटर्न को प्रभावित करती है। जितना ज्यादा एक्सपेंस रेशियो होगा, उतना ही ज्यादा आपकी कमाई में कटौती होगी।

खासकर लंबे समय में ये छोटा-सा फर्क लाखों में बदल सकता है। इसलिए इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं। आमतौर पर, 0.5% से 0.75% तक का रेशियो ठीक (Best Expense Ratio Mutual Fund) माना जाता है, लेकिन अगर ये 1.5% से ऊपर है, तो अलर्ट हो जाइए। ऐसा फंड आपके फायदे की बजाय नुकसान कर सकता है।

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Mutual Fund Calculator With Expense Ratio

उदाहरण : मान लीजिए आपने दो अलग-अलग फंड्स में 5 लाख रुपए निवेश किया

  • फंड A : रिटर्न 12%, एक्सपेंस रेशियो 1.5%
  • फंड B : रिटर्न 12%, एक्सपेंस रेशियो 0.5%

10 साल बाद रिटर्न में अंतर

  • फंड A : 5 लाख रुपए → 15.6 लाख रुपए
  • फंड B : 5 लाख रुपए → 17.3 लाख रुपए

सिर्फ 1% के फर्क ने लाखों का अंतर पैदा कर दिया।

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किस टाइप के फंड में कितना एक्सपेंस रेशियो होता है?

यहां पर हम अलग-अलग फंड के लिए Mutual Fund Expense Ratio List देखने वाले है। आइए जानते है।

फंड का प्रकारऔसत एक्सपेंस रेशियो
एक्टिव फंड (Active)1.0% – 2.5%
पैसिव फंड (Passive)0.1% – 0.5%
इंडेक्स फंड0.1% – 0.3%
ETF0.05% – 0.5%
डेट फंड0.5% – 1.5%

पैसिव फंड में एक्सपेंस रेशियो कम होता है क्योंकि इसमें फंड मैनेजर को लगातार रिसर्च या ट्रेडिंग नहीं करनी पड़ती। बात करे Highest Expense Ratio Mutual Fund की तो ये एक्टिव फंड में देखने को मिलता है। जो आपके रिटर्न को कम कर देता है।

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कम एक्सपेंस रेशियो वाले फंड क्यों बेहतर होते हैं?

  • ज़्यादा रिटर्न : कम खर्च का मतलब अधिक रिटर्न
  • कम रिस्क : लॉन्ग टर्म में खर्च बढ़ने का खतरा कम
  • स्मार्ट इन्वेस्टिंग : निवेश पर ज्यादा कंट्रोल

लेकिन सिर्फ कम एक्सपेंस रेशियो देख कर फंड न चुनें, फंड की परफॉर्मेंस, रिस्क और रेटिंग भी देखना जरूरी है।

एक्सपेंस रेशियो और NAV का संबंध

म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो Net Asset Value (NAV) से सीधे जुड़ा होता है। खर्च फंड की NAV से रोज़ाना घटाया जाता है। इससे निवेशक को दिखने वाला NAV पहले से ही कटौती के बाद का होता है।

यानी यदि किसी फंड की NAV 100 रुपए है और एक्सपेंस रेशियो 1% है, तो वह साल भर में करीब 1 रुपए घटेगा। यह कटौती पहले से NAV में समाहित होती है।

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एक्सपेंस रेशियो कैसे चेक करें?

आप किसी भी म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो निम्न तरीकों से चेक कर सकते हैं।

  • फंड हाउस की वेबसाइट पर
  • AMFI (Association of Mutual Funds in India) की वेबसाइट पर
  • Zerodha, Groww, Kuvera जैसे ऐप्स पर
  • फंड के फैक्टशीट (Fact Sheet) में

एक्सपेंस रेशियो को लेकर सेबी (SEBI) के नियम

SEBI ने फंड हाउस पर कुछ सीमाएं लगाई हैं।

  • 500 करोड़ रुपए से कम AUM वाले फंड्स : Max 2.25%
  • 500 करोड़ रुपए से अधिक AUM : घटती दरों पर
  • फंड हाउस को अपने खर्चों की पारदर्शिता बनाए रखनी होती है

इन नियमों का मकसद यह है कि निवेशक के पैसे का अधिकतम हिस्सा उसके रिटर्न में जाए।

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एक्सपेंस रेशियो VS ट्रेल कमिशन

बहुत से निवेशक ट्रेल कमिशन और एक्सपेंस रेशियो को लेकर भ्रमित रहते हैं। ट्रेल कमिशन वो हिस्सा है जो बिचौलिए (डिस्ट्रीब्यूटर) को मिलता है और यह भी एक्सपेंस रेशियो का ही हिस्सा होता है।

यदि आप Direct Mutual Fund में निवेश करते हैं तो ट्रेल कमिशन नहीं लगता जिससे आपका एक्सपेंस रेशियो भी कम होता है।

कैसे चुनें सबसे कम एक्सपेंस रेशियो वाला फंड?

  1. Direct Plan चुनें : Regular की तुलना में सस्ता होता है।
  2. Passive Funds देखें : जैसे इंडेक्स फंड या ETF
  3. AUM ज़्यादा हो तो बेहतर : बड़े फंड्स का खर्च प्रतिशत में कम होता है।
  4. Fund Fact Sheet पढ़ें : सभी खर्चों की जानकारी रहती है।
  5. Expense vs Performance : सिर्फ कम खर्च नहीं, परफॉर्मेंस भी मायने रखती है।

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Conclusion

अगर आप सच में समझदारी से निवेश करना चाहते हैं तो सिर्फ रिटर्न के बारे में सोचना ही काफी नहीं है बल्कि Mutual Fund Expense Ratio भी ध्यान से जांचना होगा तभी सही फंड मिलेगा और आपका फाइनेंशियल गोल जल्दी पूरा होगा। कम एक्सपेंस रेशियो वाला फंड ज़रूरी नहीं कि हमेशा अच्छा हो, लेकिन जब वो अच्छा परफॉर्म करता है ।

तब वह वाकई फायदे का सौदा बन जाता है। इसलिए इन्वेस्ट से पहले रिसर्च जरूर करें साथ ही Direct Plan पर विचार करें और एक्सपेंस रेशियो को हल्के में बिल्कुल न लें। अगर आपको ये जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे शेयर करें और सवाल पूछना चाहें तो कमेंट ज़रूर करें।

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Disclaimer

यह लेख केवल शैक्षणिक और जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी म्यूचुअल फंड्स और एक्सपेंस रेशियो से संबंधित सामान्य समझ प्रदान करने के लिए है। यह किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह या निवेश की सिफारिश नहीं है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य लें। हमारी वेबसाइट किसी भी प्रकार की वित्तीय नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी।

FAQ’s : Mutual Fund Expense Ratio से जुड़े सवाल

क्या कम एक्सपेंस रेशियो वाला फंड हमेशा बेहतर होता है?

नहीं, कम खर्च जरूरी है लेकिन फंड की रिटर्न और जोखिम को भी देखना चाहिए।

क्या एक्सपेंस रेशियो हर दिन कटता है?

हां, ये रोज़ाना की NAV में समाहित रहता है।

Regular Plan और Direct Plan में कितना अंतर होता है?

Direct Plan में 0.5% से 1% तक एक्सपेंस रेशियो कम हो सकता है।

क्या एक्सपेंस रेशियो समय के साथ बदल सकता है?

हां, फंड हाउस जरूरत अनुसार इसे बढ़ा या घटा सकते हैं।

Mutual Fund App पर दिखाया गया रिटर्न एक्सपेंस के बाद का होता है?

जी हां, वो Net of Expense होता है।

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