Shardiya Navratri 2024 : शारदीय नवरात्रि व्रत रख रहे है तो आपको इन बातो का रखना होगा विशेष ध्यान

शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri ) का पर्व हिंदू धर्म के लिए बहुत ही विशेष महत्व रखता है। इस दौरान 9 दिनों तक माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि विधान के साथ पूजा-आराधना की जाती है। साथ ही कलश की स्थापना भी की जाती है।

Shardiya Navratri
Shardiya Navratri 2024
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ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान व्रत रखने और माता की पूजा-अर्चना करने से सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस वर्ष 2024 में शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर दिन गुरुवार से शुरू हो रहा है।

नवरात्रि में यदि आप भी व्रत रख रहे है तो आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा। ताकि आपका व्रत खंडित ना हो और आपको व्रत का पूरा फल मिल सके। तो आइए जानते है वो कौन सी बातें है जिसे नवरात्रि के दौरान ध्यान रखने की जरूरत होती है।

1. कलश की स्थापना जरूर करें

नवरात्रि में ज्वारों के साथ कलश की भी स्थापना की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन यानिकि प्रतिपदा तिथि को कलश की स्थापना की जाती है। तो आप नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना जरूर करिए। इसके लिए मिट्टी या फिर तांबे का ही पात्र प्रयोग में लेना चाहिए।

2. दशमी तिथि तक अखंड ज्योत जलाए

अगर आप नवरात्रि में व्रत रख रहे है ऐसे में आपको प्रतिपदा तिथि से लेकर दशमी तिथि तक अखंड ज्योत जलाना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में हर दिन अखंड ज्योत जलाने से माँं दुर्गा बहुत प्रसन्न होती है और अपने भक्तो को आशीर्वाद देकर उनकी हर मुरादे पूरी करती है।

3. अर्पित करे ये जरूरी वस्तुएं

माँ दुर्गा के 9 रूपो की 9 अलग-अलग दिन पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। पूजा के समय माता को लाल रंग के वस्त्र, श्रृंगार के समान और लाल रंग के फूल जरूर अर्पित करें। माता रानी को लाल रंग के फूल जैसे- गुड़हल, गुलाब और कमल के फूल बहुत प्रिय है।

4. Shardiya Navratri व्रत में रखे ये सावधानियां

अखंड ज्योत को खंडित होने से बचाने के लिए एक छोटा सा दीपक अखंड ज्योत के साथ में रखे। अगर भूलवश ज्योत खंडित हो जाती है तो तुरंत उसे छोटे दीपक से दुबारा प्रज्वलित कर दे। ऐसा करने पर ज्योत खंडित नहीं माना जाता है।

देवी और ज्वारों का पूजन सुबह के 9 बजे तक पूरा कर लेना चाहिए। नवरात्रि पर अपने घर की साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान दे क्योंकि मातारानी साफ सुथरे घर पर ही वास करती है। आरती और दीपक प्रज्वलन सुबह और शाम दोनो समय करें।

नवरात्रि के दौरान प्याज, लहसुन और मांस ना खाए। घर के अन्य सदस्यों के लिए भी ना बनाए साथ ही शराब एवम तंबाखू से दूरी बनाए रखें। नवरात्रि के समय दाढ़ी, नाखून और बाल ना कटवाए इस दौरान बच्चो को मुंडन कराने से भी बचे।

व्रत भूखा रहने का नाम नहीं बल्कि मन को शांत रखने का जरिया है इसलिए व्रत के दौरान गुस्सा ना करे और झूट ना बोले। मन को शांत और जुबान पर अच्छे शब्द रखें।

नवरात्रि के दौरान सूर्य उदय होने से पहले उठे और ढलने के बाद ही सोए। यानिकि दिन में ना सोए। घर में अखंड ज्योत जला रखा है तो घर में ताला ना लगाए। और ना ही घर को अकेला छोड़ना है।

मान्यता है कि नवरात्रि के समय काले रंग के कपड़े नही पहनने चाहिए। व्रत के दौरान अनाज और मसालों से दूर रहे। कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, फल, मेवे, मूंगफली और दूध से बनी चीजें ही खाए। खाने में सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करें।

मान्यता है कि व्रत रखने वाले व्यक्ति को जमीन पर सोना चाहिए और शारीरिक रिश्तों से दूर रहना चाहिए। अगर इन नियमो का पालन ना कर पाए तो व्रत रखने के बजाए नवरात्रि में मां दुर्गा की केवल पूजा ही करें।

पूजा-पाठ में मंत्र का उच्चारण गलत ना हो इसका विशेष ध्यान रखे। अगर दुर्गा चालीसा, मंत्र या चंडी पाठ पढ़ रहे है तो पाठ पढ़ते समय बीच में किसी दूसरे से बात ना करें।

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