Real Estate Business : रियल एस्टेट के बिजनेस में संपत्ति जैसे – जमीन, दुकान, मकान, ऑफिस इत्यादि के खरीदी, बिक्री एवम निर्माण करवाने का कार्य किया जाता है। या फिर किसी प्रॉपर्टी को किराए में देने का व्यापार होता है। रियल एस्टेट का बिजनेस सबसे ज्यादा कमाई देने वाले बिजनेस में से एक है।
जिसकी वजह से बहुत से लोग इस बिजनेस से जुड़ रहे है।आज के समय में यह बिजनेस काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है ऐसे में आप भी रियल एस्टेट बिजनेस करके बहुत ही अच्छा लाभ कमा सकते है। रियल एस्टेट का बिजनेस आर्थिक सहयोग प्रदान करने के साथ-साथ एक बेहतर करियर बनाने का भी अवसर प्रदान करता है।
विश्वसनीय आंकड़ों के अनुसार 2019 में रियल एस्टेट का कारोबार 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था। जिसका 2030 तक बढ़कर 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है। जो भारत की जीडीपी में 13% का योगदान देगा। यह इंडस्ट्री 11% की दर से हर साल बढ़ता जा रहा है। यानी कि इस फील्ड में आपके लिए बहुत ही अच्छा स्कोप है।
यदि आप इस बिजनेस को अपने करियर के लिए चुनते है तो सबसे पहले आपको इस बिजनेस से संबंधित सारी जानकारी का ज्ञान होना आवश्यक है। ताकि आप इस बिजनेस को सही तरीके से शुरू कर सके। तो चलिए रियल एस्टेट बिजनेस को कैसे शुरू किया जा सकता है इसके बारे में जान लेते है।
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रियल एस्टेट बिजनेस क्या है | Real Estate Business Kya Hota Hai
रियल एस्टेट दो शब्दो से मिलकर बना है Real + Estate यहां पर रियल का मतलब वास्तविक या असली से है। और एस्टेट का मतलब अचल संपत्ति से है। और आप जानते ही है कि जमीन अचल संपत्ति में आता है।
रियल एस्टेट का मतलब वास्तविक जमीनी संपत्ति से है जो सभी लोगो की सामान्य जरूरत होती है। चाहे आपके पास कमर्शियल या रेसिडेंशियल कोई भी जमीन हो वे सभी वास्तविक संपत्ति के अंतर्गत आते है। इसलिए जमीन से जुड़े बिजनेस को Real Estate Business कहा जाता हैं।
रियल एस्टेट बिजनेस के प्रकार
रियल एस्टेट बिजनेस में प्रॉपर्टी आमतौर पर 4 श्रेणियों में होती है। जो निम्न है।
1. Commercial
इसके अंतर्गत वे जमीन आती है जिसका उपयोग बिजनेस के उद्देश्य से किया जाता है। इसे ही Commercial Real Estate कहा जाता हैं। जैसे- बिजनेस के लिए दुकान और शोरूम इत्यादि।
2. Residential
इसके अंतर्गत वे जमीन आते है जिसमे लोग रहने के लिए उपयोग करते है। इस प्रकार की जमीन Residencial Real Estate कहलाती हैं। जैसे- फ्लेट, बंगला, मकान, अपार्टमेंट इत्यादि।
3. Industrial
जमीन का वह स्थान या एरिया जहा पर बड़ी-बड़ी कंपनिया खड़ी की जाती है जिसे इंडस्ट्रियल एरिया के नाम से भी जाना जाता है। तो इस तरह की जमीन Industrial Real Estate में आता है। जैसे- फैक्ट्री या मैन्युफैक्चरिंग यूनिट सेटअप करने के लिए जगह।
4. Government
ऐसी जमीन जो कि सरकार के नाम पर होती है तथा जिस पर किसी अन्य व्यक्ति का अधिकार नहीं होता है। उसे Government Real Estate कहा जाता हैं। जैसे- रोड, हाईवे इत्यादि।
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रियल एस्टेट बिजनेस कैसे शुरू करे | Real Estate Business Kaise Start Kare
यदि आप रियल एस्टेट का बिजनेस शुरू करना चाह रहे हैं तो इसे आप 2 तरीके से शुरू कर सकते है।
- बिल्डर बनकर बिजनेस करना
- प्रॉपर्टी डीलर बनकर बिजनेस करना
1. बिल्डर बनकर बिजनेस करना
रियल एस्टेट के बिजनेस में यदि आप बिल्डर बनकर कार्य करना चाहते है तो सबसे पहले आपके पास इस बिजनेस में इन्वेस्ट करने के लिए पर्याप्त धनराशि होनी चाहिए। कंस्ट्रक्शन का काम करोड़ों में जाता है। जिसमे आपको जमीन खरीदने की आवश्यकता होगी।
फिर उस पर मकान, दुकान, बिल्डिंग बनाकर लोगो को लाखो करोड़ों मुनाफे के साथ बेच सकते है। किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए प्लानिंग बनाने की आवश्यकता होती है तभी आप उस बिजनेस को सही तरीके से कर पाते है। और अच्छा लाभ कमा पाते है। बिल्डर बनने के लिए आपके पास हर तरह की स्थिति को संभालने की क्षमता होनी चाहिए।
क्योंकि बिजनेस में फायदे और नुकसान दोनो ही शामिल होते है। यदि आपने पहले से ही किसी बिल्डर के साथ काम किया है तो इस बिजनेस को शुरू करने में आपका अनुभव बहुत काम आएगा। और अगर आप इस फील्ड में नए तो Construction Builder Kaise Bane के बारे में हम आपको बता रहे है।
कंस्ट्रक्शन बिल्डर क्या होता है | Construction Builder Kya Hota Hai
What Is Construction Builder Information In Hindi : कंस्ट्रक्शन बिल्डर एक तरह का ठेकेदार होता है जो बड़ी-बड़ी बिल्डिंग तथा भवनों को बनाने का कार्य करता है। इस कार्य को करने के लिए बिल्डर के पास एक अच्छा टीम होता है। जो उन्हें निर्देश देकर विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य करवाता है।
जैसे-बिल्डिंग का निर्माण करना, बिल्डिंग के लिए नक्शा तैयार करवाना, कंस्ट्रक्शन में लगने वाले सामानों को नियमित उपलब्ध करवाना।
अपने टीम की सहायता से बिल्डर दिए गए प्रोजेक्ट को सही समय पर खत्म कर पाता है क्योंकि बिल्डर में टीम लीडर होने की खूबियां होती है। वह कंस्ट्रक्शन के काम के प्रति उत्तरदाई होता है। किसी भी प्रकार की गलती होने पर सारा दायित्व बिल्डर का होता है।
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कंस्ट्रक्शन बिल्डर कैसे बने | Construction Builder Kaise Bane
किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले बहुत सी बातो का ध्यान रखना जरूरी होता है। क्योंकि एक छोटी सी गलती से भी आपको काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए रियल एस्टेट बिजनेस में जो भी कार्य को करे उसकी अच्छी प्लानिंग (Real Estate Business Plan) जरूर कर ले। Construction Builder बनने के लिए आपको जिन-जिन बातो का ध्यान रखना है वह इस प्रकार है।
1. ओनर (बिल्डर)
बिल्डर को एक टीम लीडर के रूप में अपने टीम के सदस्यो को अच्छी प्लानिंग के साथ गाइड करना होता है कि फील्ड में उन्हें किस तरह से काम करना है। ताकि किसी भी प्रकार की कोई गलती ना हो सके। इसके साथ ही टीम के सदस्यो को साइट में काम करने के लिए उपयोग में आने वाले टूल्स, बिल्डिंग डिजाइन और मटेरियल भी बिल्डर उपलब्ध कराता है। काम शुरू होने के बाद उसका Supervision करना भी जरूरी होता है। यह जानने के लिए कि काम परफेक्शन के साथ हो रहा है या नही।
2. टीम
अच्छे कंस्ट्रक्शन के काम के लिए एक अच्छे टीम की जरूरत होती है। टीम से सदस्यो के रूप में आर्किटेक्ट इंजीनियर, सिविल इंजीनियर, वर्कर्स, ये सभी शामिल होते है। बिल्डर अपने टीम के सदस्यो को कस्टमर की वैल्यू सिखाता है कि उन्हे सैलरी बिल्डर ( ओनर ) से नही बल्कि कस्टमर से मिलता है। टीम जितना अच्छा और जल्दी काम करके देंगे। आपके बिजनेस की मार्केट वैल्यू उतनी ही बढ़ती जायेगी।
3. कस्टमर
जब कस्टमर किसी बिल्डर को अपने प्रोजेक्ट का काम देता है तो बिल्डर की जिम्मेदारी होती है कि प्रोजेक्ट को समय पर बना कर देना और ग्राहक के अनुसार बनाकर देना। जिससे ग्राहक का आपके बिजनेस के प्रति विश्वास बढ़ सके। ऐसा करने से आपका बिजनेस ब्रांड बनने लग जायेगा। तथा आपको नए-नए प्रोजेक्ट भी मिलने लग जायेंगे।
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बिल्डर के प्रकार
बिल्डर मुख्य रूप से 2 तरह के होते है।
- सरकारी बिल्डर
- प्राइवेट बिल्डर
1. सरकारी बिल्डर
सरकारी बिल्डर वे होते है जो सरकार के द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट को सरकार के आदेशानुसार पूरा करते है।
2. प्राइवेट बिल्डर
प्राइवेट बिल्डर वे होते है जो किसी प्राइवेट कंपनी तथा स्वयं द्वारा संचालित कंपनी के कार्यों को पूरा करते है। इसमें प्राइवेट कंपनी निर्धारित करती है कि बिल्डर से कितना कार्य करवाना है और क्या-क्या कार्य करवाना है। यह कार्य सरकार द्वारा निर्धारित नहीं किया जाता है।
कार्यों के आधार पर बिल्डर के प्रकार
कार्यों के आधार पर बिल्डर के 4 प्रकार होते है।
1. Small Contractor
यह छोटे स्तर पर कार्य करने वाला बिल्डर होता है जो छोटे-छोटे कार्यों को करता है जैसे- घर बनाना, दुकान बनाना इत्यादि।
2. Sponsor Builder
ये वह बिल्डर होते है जो कुछ समय के लिए अन्य कंपनियों द्वारा हायर किए जाते है। इसमें बिल्डर को पूरे प्रोजेक्ट के लिए हायर नही किया जाता है। बल्कि कुछ कामों की ठेकेदारी दी जाती हैं जिसे कंपनिया करवाना चाहती है।
3. Owner Builder
इसमें बिल्डर स्वयं द्वारा संचालित कंपनी के प्रोजेक्ट का कार्य करता है। लोग अपने कामों को करवाने के लिए बिल्डर से सीधे संपर्क करते है। तथा उसमे लगने वाले इन्वेस्टमेंट और प्लानिंग की जानकारी सीधे ही बिल्डर से प्राप्त करते है।
4. Package Builder
इसमें बिल्डर को सम्पूर्ण प्रोजेक्ट को कंप्लीट करने के लिए निश्चित मात्रा में धनराशि प्रदान की जाती है। और बिल्डर दिए गए धनराशि में उस प्रोजेक्ट को पूरा करता है। ऐसे में यदि अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होती है तो उसे बिल्डर ही पूरा करता है। लेकिन यदि दी गई धनराशि प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद भी बच जाता है तो उसे बिल्डर स्वयं ही रखता है।
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कंस्ट्रक्शन बिल्डर बनने के लिए आवश्यक कौशल
अगर आप कंस्ट्रक्शन बिल्डर बनना चाह रहे है तो आपके पास निम्न कौशल योग्यता होनी चाहिए।
- बिल्डर बनने के लिए लीडरशिप का गुण होना चाहिए।
- कंसट्रक्शन से संबंधित कार्य का मूल्यांकन करने की योग्यता होनी चाहिए
- फाइनेंशियल असेसमेंट करने की योग्यता होनी चाहिए
- कंस्ट्रक्शन कार्य से संबंधित पूरी जानकारी होनी चाहिए।
बिल्डर बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए
यदि आप बिल्डर बनने की सोच रहे हैं तो आपको सिविल ब्रांच से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग करना होगा।
बिल्डर बनकर कितना पैसा कमा सकते हैं ?
यह एक ऐसा फील्ड है जिसमें आप कम समय में ही ज्यादा पैसा कमा सकते हैं । यह आपके प्रोजेक्ट पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं कार्य करने के लिए प्रोजेक्ट सरकार या प्राइवेट कंपनी द्वारा प्राप्त होते हैं।
और इस प्रोजेक्ट के लिए आपको अच्छे खासे पैसे दिए जाते हैं। यदि आप स्वयं द्वारा संचालित प्रोजेक्ट पर कार्य करते हैं। तो आप बड़े-बड़े बिल्डिंग बनाकर उसे लोगों को बेचकर लाखों करोड़ों रुपए कमा सकते हैं।
2. प्रॉपर्टी डीलर बनकर बिजनेस करना
अब तक हमने जाना है कि कंस्ट्रक्शन बिल्डर बनकर कैसे कार्य किया जा सकता है। इसके बाद हम जानने वाले हैं कि प्रॉपर्टी डीलर बनकर रियल एस्टेट का बिजनेस कैसे कर सकते हैं। बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर दोनों के ही कार्य और उसमे होने वाले इन्वेस्टमेंट अलग-अलग होते हैं।
प्रॉपर्टी डीलर के रूप में आप 10 से 15 हजार रुपए की इन्वेस्ट से इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं। इसमें आपको बिल्डर की तरह लाखों करोड़ों रुपए इन्वेस्ट करने की जरूरत नहीं होती है। तो चलिए सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर प्रॉपर्टी डीलर कौन होता है।
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प्रॉपर्टी डीलर कौन होता है ?
प्रॉपर्टी डीलर को हम अन्य नामों से भी जानते हैं जैसे-रियल एस्टेट कंसलटेंट, रियल एस्टेट ब्रोकर, और प्रॉपर्टी एजेंट। प्रॉपर्टी डीलर वह व्यक्ति होता है जो मकान, दुकान, जमीन, इत्यादि को खरीदी अथवा बिक्री करवाने के लिए माध्यम का कार्य करता है।
या यह भी कहा जा सकता है कि वह प्रॉपर्टी ओनर और बायर के बीच एक ब्रिज की तरह कार्य करता है जो दोनो पार्टियों को आपस में मिलाकर डील फाइनल करता है। इस काम के बदले उसे ब्रोकरेज फीस या कमीशन मिलता है। यह कमीशन कुछ हजार रुपयों से लेकर कई लाख रुपयों तक का हो सकता है।
प्रॉपर्टी डीलर का क्या काम होता है ?
प्रॉपर्टी डीलर के निम्न कार्य होते है। जैसे-
- मार्केट रिसर्च करना
- प्रॉपर्टी को खोजना
- ग्राहकों का पता लगाना
- प्रॉपर्टी बेचने वाले व्यक्ति से डील करना
- ग्राहकों को प्रॉपर्टी दिखाना
- प्रॉपर्टी का मेंटेनेंस एवम रखरखाव करना
- दुकान बेचे जाने पर जरूरी कागजात तैयार करवाना
- जमीन बेचने पर जमीन रजिस्ट्री करवाना
- दोनो पार्टियों के बीच डील फाइनल हो जाने पर एग्रीमेंट बनवाना
यह सभी काम प्रॉपर्टी डीलर के होते है जो उसे करने होते है। पर यह जरूरी नहीं है कि उसको यह सभी चीजे करने ही होंगे। क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रॉपर्टी डीलर किस तरह का कार्य कर रहा है उसी अनुसार वह इन निम्न कामों का चयन करता है।
रियल एस्टेट एजेंट कैसे बने | Real Estate Agent Kaise Bane
भारत में प्रॉपर्टी डीलर या Real Estate Property Agent बनने के लिए RERA ( रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण ) के तहत पंजीकरण कराना आवश्यक होता है। रियल एस्टेट अधिनियम 2017 ने रियल एस्टेट बिजनेस को विनियमित और व्यवस्थित किया है।
जिससे घर खरीदने वाले को और एजेंटो को लेनदेन में समान रूप से सुविधा दिया जा सके। प्रॉपर्टी डीलर RERA में अपना पंजीकरण 10-25 हजार रुपए में करा सकते है। लेकिन पंजीकरण प्रक्रिया और उसकी फीस अलग-अलग राज्यो में अलग-अलग हो सकती है।
Note : RERA द्वारा प्राप्त यह लाइसेंस केवल 5 साल तक के लिए ही मान्य रहता है।
इसके अलावा प्रॉपर्टी एजेंट को व्यवसायिक कर पंजीकरण ( PTR ) के लिए भी आवेदन करने की आवश्यकता होती है। PTR क्षेत्र में हर राज्य द्वारा पेशेवर सेवाओं के प्रदर्शन के लिए लगाए गए कर को संदर्भित करता है।
एजेंट को PTR, राज्य कर विभाग द्वारा प्रदान किया जाता है जिसके लिए एजेंट को कुछ शुल्क चार्ज करने होते है। इसके साथ ही PTR पंजीकरण को हर साल नवीनीकृत करने की भी आवश्यकता होती है।
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सफल प्रॉपर्टी डीलर में क्या योग्यता होनी चाहिए
प्रॉपर्टी डीलर बनने के लिए आपको निजी शिक्षा या किसी तरह की डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें जो जरूरी चीज मायने रखता है वह है आपका अनुभव । इस फील्ड का आपको अच्छा खासा नॉलेज होना चाहिए। तभी आप इस बिजनेस में प्रॉपर्टी डीलर बनकर सफल हो सकेंगे।
कुछ प्राइवेट संस्था इस विषय के बारे में सिखाती है या फिर कोर्स कराती है। लेकिन इसमें सबसे अहम बात है आपका अनुभव ज्ञान होना। यदि आप इस फील्ड में 1-2 साल का अनुभव रखते है तो यह ज्ञान आपको एक सफल प्रॉपर्टी डीलर बनने में बहुत ही मददगार साबित होगा।
एक सफल प्रॉपर्टी डीलर/प्रॉपर्टी एजेंट बनने के लिए उसमे निम्न योग्यता होनी चाहिए।
1. कार्य अनुभव
किसी भी कार्य को सही तरीके से करने के लिए उस कार्य का अनुभव प्राप्त होना अतिआवश्यक होता है। इसलिए आपने देखा होगा कि किसी भी फील्ड में अनुभव व्यक्ति को पहले प्राथमिकता दी जाती है। चाहे फिर Real Estate Jobs की बात करे या फिर किसी अन्य जॉब्स की। सभी जगह अनुभव का होना महत्वपूर्ण होता है।
2. अच्छी पर्सनालिटी और बात करने का तरीका
प्रॉपर्टी डीलर बनने के लिए आपमे एक अच्छी पर्सनालिटी होनी चाहिए साथ ही आपको अपने क्लाइंट से बात करने का तरीका भी आना चाहिए। क्योंकि रोजाना आपको बहुत से ग्राहकों से प्रॉपर्टी डील करने के संबंध में मिलने की जरूरत होगी। तथा उन्हें प्रॉपर्टी डील करने के लिए मनाना भी होता है इसलिए आपमें एक अच्छा कम्युनिकेशन स्किल होना चाहिए।
3. विश्वास बनाए रखना
यदि आप अपना डील पक्का करना चाहते है तो अपने ग्राहकों का विश्वास जीतने के साथ-साथ विश्वास बनाए रखना भी होगा। क्योंकि कई बार प्रॉपर्टी ओनर समय पर मौजूद नहीं होता है तो वह अपनी प्रॉपर्टी की चाबी एजेंट को दे देता है। ताकि एजेंट अपने ग्राहकों को उनकी प्रॉपर्टी दिखा सके। तो एजेंट के लिए जरूरी होता है कि वह अपने दोनो पार्टियों से अच्छा तालमेल बनाए रखे।
4. पहचान बनाना
सबसे पहले आपको अपने फील्ड में पहचान बनाना होगा। लेकिन आपका पहचान तभी बन सकता है जब आप लोगो से अच्छे से बात करेंगे। जब भी आप नए लोगो से मिले तो उनसे अच्छी पहचान बनाने की कोशिश करे। उन्हे अपने बिजनेस के बारे में बताए और अपने काम के बारे में बताए। सारी बात करने के बाद अंत में उन्हें अपना Real Estate Visiting Card जरूर दे।
अगर वह व्यक्ति प्रॉपर्टी डील नही करना चाहता है तो उनसे कह सकते है कि आप अपने परिचित या फिर जो व्यक्ति प्रॉपर्टी को बेचना या खरीदना चाहता है उन्हे हमारे सर्विस के बारे में बताए ताकि वह हमसे संपर्क कर सके।
प्रॉपर्टी का पता कैसे लगाएं
आप जिस क्षेत्र में कार्य करना चाहते है उस क्षेत्र के बारे में अच्छी तरह से जांच पड़ताल करके सारी जानकारी को एकत्र करना होगा। जब आप सुनिश्चित हो जाए कि इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। तब आपको 2 चीज़ों की जरूरत पड़ेगी मोबाइल और बाइक।
अगर आपके पास ये दोनो चीजे नहीं है तो इसे आपको खरीदने की आवश्यकता होगी। इसके बाद प्रॉपर्टी ढूंढने के लिए निकल पड़ना है। जिन लोगो को अच्छे से जानते है या जिनसे अच्छा संपर्क है उनसे मिलकर बात करिए और पता लगाए कि किन लोगो को प्रॉपर्टी बेचना या खरीदना है।
जब प्रॉपर्टी बेचने वाला व्यक्ति मिल जाए तो उसके प्रॉपर्टी को जाकर खुद देखे कि प्रॉपर्टी कैसी है। जब आपको सही लगे तो उसके लिए ग्राहक ढूंढे। और उनके बीच डील कराए। इस तरह से डील फाइनल हो जाने पर आपको दोनो पार्टियों से ब्रोकरेज फीस के रूप में प्रॉपर्टी धनराशि का 2 % से 3 % मिल जाता है।
प्रॉपर्टी ढूंढने के विभिन्न माध्यम
प्रॉपर्टी का पता लगाने के लिए आप बहुत से तरीको को अपना सकते है। जिससे आपको प्रॉपर्टी के बारे में पता चल सके। तो चलिए जान लेते है कि वह कौन-कौन से तरीके है।
अखबार
अगर आप अखबार पढ़ते है तो आपने देखा होगा कि उसमे प्रॉपर्टी के संबंध जानकारी दी गई होती है। बहुत से लोगो को अपनी प्रॉपर्टी बेचनी होती है। जैसे- किसी व्यक्ति को अपना प्रॉपर्टी बेचना होता है तो वह अखबार के माध्यम से विज्ञापन देकर लोगो को इसकी जानकारी देता है। ऐसे में आप उसने संपर्क कर सकते है। और उनके लिए ग्राहक दिला सकते है।
सोशल नेटवर्क
सोशल नेटवर्क में अपना प्रोफाइल बनाए जैसे- Facebook, WhatsApp, Twitter। फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन कर इससे अच्छी जानकारी प्राप्त कर सकते है। आपको ऐसे पेज और ग्रुप को ज्वाइन करना है जो Real Estate Property से संबंधित हो।
इंटरनेट : इंटरनेट पर बहुत से ऐसे वेबसाइट मौजूद है जहा से आप प्रॉपर्टी का पता लगा सकते है जैसे- Magic Bricks, 99 एकर्स, Quikr, कॉमनफ्लोर इत्यादि।
वेबसाइट बनाकर
आप अपने रियल एस्टेट बिजनेस से संबंधित वेबसाइट बनाकर प्रॉपर्टी और ग्राहक दोनो का ही पता लगा सकते है। इस वेबसाइट में आपको अपने बिजनेस से संबंधित जानकारी देनी होगी। अपने सर्विस के बारे में बताना होगा।
ऐसे में जब आपके पास के एरिया का कोई व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी डील के संबंध में गूगल में Real Estate Agents Near Me लिखकर सर्च करेगा तो उसे संबंधित वेबसाइट दिखाई देगा। और वह वेबसाइट के माध्यम कॉन्टैक्ट कर अपनी प्रॉपर्टी को डील करा सकेगा।
पर्सनल कॉन्टैक्ट
इस बिजनेस के लिए जरूरी है कि लोग आपको जानते हो उन्हे पता होना चाहिए की आप प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते है। जिससे कोई भी व्यक्ति प्रॉपर्टी डील करने के लिए आपसे संपर्क कर सके या आपको बता सके।
बिजनेस के लिए जरूरी लाइसेंस एवम रजिस्ट्रेशन
प्रॉपर्टी डीलर का कार्य करने के लिए आपको जरूरी लाइसेंस एवम रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत होगी। आप ऑफिस बनाकर बिजनेस शुरू करे या फिर घर से ही बिजनेस करे। दोनो ही स्थिति में लाइसेंस लेने की आवश्यकता होगी।
1. RERA Licence
पहले रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े किसी भी काम के लिए किसी भी प्रकार के लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होती थी। परंतु 2017 में RERA ( रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण ) के तहत इस लाइसेंस को जारी किया गया। कुछ पुराने प्रॉपर्टी डीलर अभी भी बिना लाइसेंस बनवाए बिजनेस कर रहे है।
इस लाइसेंस को जिला के डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी किया जाता है। जिसके लिए आपको 10 से 25 हजार रूपये तक की फीस देनी पड़ सकती है। एक बार लाइसेंस बन जाने के बाद बिना किसी कानून अड़चन के प्रॉपर्टी डीलर का बिजनेस कर सकते है।
2. GST Registration
रियल एस्टेट कंपनी खोलने के लिए GST Registration करानी होती है। क्योंकि इस बिजनेस में Property Agent को जीएसटी एक्ट के तहत tax देना होता है। अगर आप रजिस्ट्रेशन नही करवाते है तो बाद में आपके बिजनेस पर पेनाल्टी भी लगाया जा सकता है।
3. Real Estate Company Registration
कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्राइवेट लिमिटेड, पार्टनरशिप कंपनी, या वन पर्सन कंपनी के तौर पर रजिस्ट्रेशन करा सकते है। आप अपने कंपनी को जिस नाम से भी रजिस्ट्रेशन कराना चाहते है उस नाम को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा पहले ही रजिस्टर तो नही कराया गया है।
इस बारे में जरूर जान ले। कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए Company Trademark Registration फॉर्म भरने की जरूरत होती है। प्रोसेस पूरा हो जाने के बाद Registrar Of Companies की ओर से आपको सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।
प्रॉपर्टी डीलर बनकर कितना प्रॉफिट कमा सकते हैं
इस बिजनेस को करके आप बहुत ही अच्छी कमाई कर सकते हैं। एक डील के ऊपर लाखों रुपए तक कमीशन कमा सकते हैं। इसे जानने के लिए हम उदाहरण से समझते हैं।
Example : यदि कोई व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी को 20 लाख रुपए में बेचना चाहता है इसके लिए व्यक्ति या तो स्वयं ग्राहक ढूंढ सकता है या फिर किसी प्रॉपर्टी डीलर से संपर्क करके प्रॉपर्टी को 20 लाख रुपए में बेचवाने के लिए कह सकता है।
तो आप प्रॉपर्टी ओनर से साफ तौर पर बात कर सकते हैं कि मैं इसे 20 लाख रुपए से ऊपर में बेच सकता हूं। मान लिया जाए कि आपने ग्राहक को ढूंढ कर उसे 22 लाख रुपए में बेच दिया। तो इसमें से 20 लाख रुपए प्रॉपर्टी ओनर को देने के बाद बचे हुए 2 लाख रुपए को स्वयं रख लेंगे इस तरह से आप 2 लाख रुपए का कमीशन कमा लेंगे।
इसके अलावा भी आपको दोनो पार्टियों से यानी कि प्रॉपर्टी ओनर और ग्राहक दोनो से ही ब्रोकरेज फीस के रूप में प्रॉपर्टी धनराशि का 2% से 3% मिल जाता है। यानी लगभग 1.5 से 2 लाख रुपए की कमाई ब्रोकरेज फीस से हो जाता है। जितनी बड़ी प्रॉपर्टी होगी उतना ही ज्यादा आपको फायदा होगा।
यदि कोई व्यक्ति मजबूरी में अपने प्रॉपर्टी को बेचता है। तो ऐसी स्थिति में महंगी प्रॉपर्टी को भी सस्ते में बेचने की नौबत आ जाती है। इससे एजेंट को ज्यादा फायदा प्राप्त होता है।
मान लिया जाए कि 20 लाख रुपए की प्रॉपर्टी को मजबूरी के कारण 17 लाख रुपए में बेचना पड़ जाता है और आप इसे 22 लाख रुपए में किसी ग्राहक को बेच देते है। तो इस तरह से सीधे 5 लाख रुपए का कमीशन आपको प्राप्त हो जाता है।
Real Estate Business के नुकसान/रिस्क
रियल एस्टेट के बिजनेस में फायदे के साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी है। जिसके बारे में आपको जानना जरूरी हो जाता है।
1. उच्च लागत
अचल संपत्ति में निवेश के साथ सबसे बड़ा नुकसान उच्च पूंजी की आवश्यकता का होना है। जिसमे लाखो करोड़ों के इन्वेस्ट से प्रोजेक्ट पर काम किया जाता है। ऐसे में आपके एक गलती से पूरे पैसे डूब जाने का खतरा बना रहता है।
2. तरलता जोखिम
जब अच्छी संख्या में खरीदी और बिक्री करने वाले ग्राहक नही मिलते है तो ऐसी स्थिति में संपत्ति को बेचना मुस्किल हो जाता है। और प्रॉपर्टी को कम कीमत में बेचना पड़ जाता है। या अधिक समय तक इंतजार करने की जरूरत पड़ती है।
3. विधायी जोखिम
इसके अंतर्गत किरायेदार कानून, पंजीकरण प्रक्रिया, संपत्ति का प्रतिबंधित उपयोग और कई अन्य प्रतिबंध जैसे कानूनी नियम शामिल है। जो राज्य निकायों द्वारा लगाए जाते है। निवेश करते समय इन जोखिमों पर भी ध्यान देना चाहिए।
4. गलत प्रॉपर्टी खरीद लेना
कुछ बिजनेसमैन धोखे से गलत प्रॉपर्टी को खरीद लेते है जिस प्रॉपर्टी पर सरकार द्वारा पाबंदी की गई होती है। तो ऐसे प्रॉपर्टी को कोई खरीदना नही चाहेगा। जिससे काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
Real Estate Business में सफलता पाने के टिप्स
रियल एस्टेट बिजनेस में मेहनत, ज्ञान और एक सही स्ट्रेटजी को फॉलो करके सफलता प्राप्त किया जा सकता है।इस बिजनेस में सफलता पाने के लिए आपको कुछ बातो का ध्यान रखना होगा।
- आपको इस बिजनेस के मार्केट की गहरी समझ होनी चाहिए जैसे- प्रॉपर्टी का दाम, मांग, आपूर्ति, लोगो की जरूरतें।
- रियल एस्टेट मार्केट में हमेशा अपडेट रहना होगा। साथ ही नए प्रोजेक्ट, ब्याज दरें, सरकारी नीतियां, बाजार ट्रेंड्स, टैक्स नियम आदि की जानकारी रखनी होगी।
- ग्राहकों को आपके कामों से संतुष्टि मिले इसलिए ग्राहक सेवा पर भी ध्यान देना होगा। इससे फायदा ये होगा कि जब वे संतुष्ट होंगे तो आपको और भी अन्य ग्राहक दिला सकते है।
- अन्य रियल एस्टेट एजेंट, बिल्डर, बैंको और संबंधित लोगो के साथ अच्छा और मजबूत रिश्ता बनाए रखें। साथ ही रियल एस्टेट से जुड़े सम्मेलन एवम इवेंट में भाग ले।
- सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग, वेबसाइट के माध्यम से अपने बिजनेस को प्रमोट करें और ऑफलाइन प्रचार करने के लिए न्यूज पेपर, होर्डिंग की मदद ले सकते है।
- रियल एस्टेट से जुड़े नए नए तकनीकों के बारे में हमेशा कुछ नया सीखते रहे।
Conclusion
दोस्तो, मैं आशा करता हूं कि आपको Real Estate Business Kaise Start Kare से संबंधित यह जानकारी पसंद आया होगा। और इससे आपको अपने बिजनेस को शुरू करने में काफी मदद मिली होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तो और सोशल मीडिया में भी शेयर जरूर कीजिएगा। जिससे और लोगो को भी इसकी जानकारी प्राप्त हो सके।
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FAQ – Real Estate Business Kaise Start Kare
1. रियल स्टेट में पैसे कैसे कमाए ?
रियल एस्टेट में विभिन्न माध्यमों से पैसे कमाए जा सकते है।
1. मकान मालिक बनकर पैसे कमाना
2. रियल एस्टेट एजेंट बनकर पैसे कमाना
3. प्रॉपर्टी फ्लीपिंग करके पैसे कमाना
4. कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट करके
5. प्रॉपर्टी मैनेजमेंट करके
6. कंस्ट्रक्शन बिल्डर बनकर पैसे कमाना
2. क्या-क्या योग्यता होना चाहिए रियल स्टेट बिजनेस को करने के लिए ?
रियल एस्टेट बिजनेस में प्रॉपर्टी को डील करने का काम किया जाता है यानी कि इसमें संपत्ति खरीदने और बेचने दोनो का ही काम किया जाता है। और इसके लिए आपमें निम्न योग्यता होनी चाहिए।
1. काम का अनुभव
2. अच्छा बात करने का तरीका
3. ग्राहकों के प्रति विश्वास बनाए रखना
4. ज्यादा से ज्यादा लोगो से पहचान और संपर्क बनाना।
3. रियल एस्टेट से संबंधित शब्दावली में बीएचके का पूर्ण रूप क्या है ?
रियल एस्टेट से संबंधित शब्दावली में BHK का फुल फॉर्म होता है बेडरूम, हॉल, और किचन ।
4. प्रॉपर्टी डीलर बिजनेस की मार्केटिंग कैसे करे ?
प्रॉपर्टी डीलर बिजनेस की मार्केटिंग करने के लिए आप अपने आस पास के एरिया में पोस्टर, बैनर लगाकर मार्केटिंग कर सकते है। इसके अलावा वेबसाइट के माध्यम से भी अपने बिजनेस को प्रमोट कर सकते है जैसे- Magicbricks, 99 एकर्स, Quikr, इत्यादि।
5. रियल एस्टेट व्यवसाय का अर्थ क्या है ?
रियल एस्टेट का बिजनेस ऐसा बिजनेस है जिसमे अचल संपत्ति ( जमीन, मकान, दुकान ) को खरीदने, बेचने और किराए पर देने का कार्य किया जाता है।