Mushroom Farming Business : भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश की अर्थव्यवस्था में भी कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 15% है। आजकल, खेती के तरीकों को सुगम बनाने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है और इसके परिणामस्वरूप लोग लाखों करोड़ों की कमाई कर रहे हैं।
पोषण और आर्थिक दृष्टि से मशरूम की खेती करना बेहद फायदेमद होता है। क्योंकि इसके उत्पादन में कृषि अवशेषों का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि कम पैसों और कम जगहों पर मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है। बस थोड़े तकनीकी ज्ञान की जानकारी होनी चाहिए।
अतिरिक्त आमदनी और रोजगार प्रदान करने में यह लोगो के लिए वरदान साबित हो रहा है। अगर आप भी मशरूम की खेती करके तगड़ी कमाई करना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा अंत तक जरूर पढ़े यहां पर हम मशरूम के खेती की जानकारी पूरे विस्तार से बताने वाले है। जो आपके लिए काफी मददगार साबित होगा।
इसे भी पढ़ें : Dairy Business Plan : दूध डेयरी का बिजनेस शुरू कर हर महीना कमाए 1.5 लाख रुपए
मशरूम फार्मिंग बिजनेस क्या है? Mushroom Farming Business
मशरूम को लेकर लोगो के मन में कई तरह के सवाल उठते है कि क्या मशरूम भी पौधे होते है क्योंकि इसे उगाने के लिए खाद एवम भूसे का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए लोगो का ऐसा सोचना गलत नही है। लेकिन सच बात तो ये है कि मशरूम पौधे नही होते है बल्कि कवक होते है।
जिसे फंगस भी कहा जाता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन, एवम खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। और दिखने में छतरीनुमा होता है। स्वास्थ्य आहार के रूप में लोग इसे खाना काफी पसंद करते है। चूंकि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है इसलिए इसकी मांग मार्केट में हमेशा बनी रहती है।
इसकी मांग को देखते हुए आज के समय में बहुत से किसान मशरूम की खेती करने में अपनी रुचि दिखा रहे है। ऐसे में बड़े-बड़े व्यापारी भी मांग को देखते हुए मशरूम उगा रहे है और लाखो रुपए कमा रहे है। इनके द्वारा किया जाने वाला यह बिजनेस ही Mushroom Farming Business कहलाता है।
मशरूम कितने प्रकार के होते है?
मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation In Hindi ) के लिए आपको उन किस्मों का चुनाव करना चाहिए जो कम समय में ही अच्छा लाभ कमा कर दे सके। इसके अलावा आप मांग के हिसाब से भी मशरूम उत्पादन कर सकते हैं और नजदीकी बाजार में उन्हें बेच सकते हैं।
दुनिया भर में कृषियोग्य मशरूम की 70 किस्में होती हैं, लेकिन भारत में नीचे दिए गए मशरूम की किस्में अधिक लोकप्रिय हैं और अच्छी आमदनी देती हैं।
- सफेद बटन मशरूम
- ढींगरी (ऑयस्टर) मशरूम
- दूधिया मशरूम
- धान पुआल मशरूम
- शिटेक मशरूम
इसे भी पढ़ें : Coffee Shop Business Plan : कॉफी शॉप बिजनेस कैसे शुरू करें
मशरूम के वैज्ञानिक नाम
- सफेद बटन मशरूम (एगारिकस बिस्पोरस)
- दूधिया मशरूम (केलोसाईबी इंडिका)
- ढींगरी मशरूम (प्लूरोटस)
- शिटेक मशरूम (लेंटिनुला एडोड्स)
- धान पुआल मशरूम (वोल्वेरीला वोल्वेसिया)
मशरूम में होते है ये लाभदायक पोषक तत्व
यह सदियों से ही पौष्टिक आहार के रूप में फेमस है। इसकी पौष्टिकता के कारण ही इसे मांस और शाकाहारी सब्जी के बीच माना जाता है। मशरूम में शरीर के लिए लाभदायक कई पौष्टिक तत्व मौजूद होते है जैसे-
- जल – 89 से 91 प्रतिशत
- प्रोटीन – 2.78 से 3.94 प्रतिशत
- कार्बोहाइड्रेट – 5.3 से 6.28 प्रतिशत
- खनिज लवण – 0.97 से 1.26 प्रतिशत
- वसा – 0.25 से 0.65 प्रतिशत
- रेशा – 0.09 से 1.67 प्रतिशत
- ऊर्जा – 24.4 से 34.4 किलो कैलोरी
- कैल्शियम – 0.00024 प्रतिशत
- फास्फोरस – 0.15 प्रतिशत
- पोटेशियम – 0.15 प्रतिशत
मशरूम के उत्पादन में आवश्यक सामग्री
ये सभी वस्तुएं आपको मार्केट में आसानी से मिल जायेंगे लेकिन मशरूम का बीज (Mushroom Spown) लेने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर संपर्क करें या फिर ऑनलाइन भी मंगवा सकते है।
- मशरूम का बीज
- बेविस्टिन
- फॉर्मेलिन
- जिप्सम
- गेहूं का छिलका
- मुर्गी का खाद
- बांस
- भूसा
- नमी को मापने वाला मीटर
- 16/18 का पॉलिथीन बैग
इसे भी पढ़ें : 5 से 6 लाख रुपए में शुरू करे Kapde Ka Business और Profit कमाए लाखो रुपए/महीना
मशरूम की खेती कैसे करें | How To Start Mushroom Cultivation
मशरूम की खेती के लिए ठंडा वातावरण अत्यंत आवश्यक होता है। इसलिए इसकी खेती करने के लिए अक्टूबर से फरवरी का समय सबसे उपयुक्त होता है। कहा जाय तो रबी के सीजन में मशरूम उगाया जाता है।
मशरूम के लिए 22 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान और 80 से 85% तक नमी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा एक कमरे की भी आवश्यकता होती है। मशरूम खेती (Mushroom Farming) के लिए सबसे पहले आपको खाद तैयार करना होगा।
खाद तैयार करना
खाद में कंपोस्ट खाद का प्रयोग किया जाता है। जिसे बनाने के लिए भूसे या धान के भूसे का उपयोग किया जाता है। भूसे में बहुत से कीटाणु हो सकते है इसलिए भूसे को कीटाणु रहित बनाना आवश्यक होता है ताकि इसमें मौजूद अशुद्धियां दूर हो जाएं।
ऐसा करने से मशरूम की फसल को उगने में कोई समस्या नहीं आती और इसके पौधे की ग्रोथ और उसकी क्वालिटी में कोई अंतर नहीं पड़ता। खाद तैयार करने के लिए, लगभग 1500 लीटर पानी में 150 किलोग्राम फार्मेलिन और 150 किलोग्राम बेबी स्टीन मिलाया जाता है।
इन दोनों को अच्छे से मिक्स किया जाता है। इसके बाद इस पानी में 150 किलोग्राम गेहूं का भूसा डालकर अच्छे से मिलाया जाता है। इतना हो जाने के बाद इसे कुछ समय के लिए ढककर रखना पड़ता है। इसके बाद यह खाद मशरूम उगाने के लिए तैयार हो जाती है।
इसे भी पढ़ें : Fish Farming Business : तालाब में मछली पालन कैसे किया जाता है, जानिए पूरी प्रक्रिया, लागत, मुनाफा।
मशरूम की बुआई या प्लांटेशन
अब बारी आती है मशरूम बुआई की या फिर कहे मशरूम प्लांटेशन करने की। जिसके लिए इस भूसे को ध्यानपूर्वक हवा में फैलाया जाता है। ऐसा करने का कारण है भूसे में मौजूद पानी की मात्रा हवा के कारण थोड़ी कम हो जाती है। हवा में सुखाने के बाद, भूसे में से कम से कम 50% पानी सुख जाता है।
इसके बाद, भूसे को बार-बार पलटा जाता है ताकि बुवाई के लिए तैयार हो जाए। इसके बाद, 16/18 का एक पॉलीथिन बैग लेकर, उसमें परतें बनाकर मशरूम के बीज डाले जाते हैं। दोस्तों, यहां बताना चाहेंगे कि मशरूम के लिए उपयोग होने वाले बीज ज्यादा पुराने नहीं होने चाहिए।
100 किलोग्राम कंपोस्ट खाद में दो किलो बीज डाले जाते हैं। इसके लिए, पहले भूसा रखा जाता है और फिर उसके ऊपर मशरूम के बीज रखे जाते हैं। इसी तरह से, 3 से 4 लेयर्स बनाई जाती हैं। खाद की प्रत्येक लेयर की मोटाई 2 से 3 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
मशरूम को हवा लगने से बचाए
इन परतों को डालने के बाद, इन बैगों के नीचे दोनों कोनों में छेद किया जाता है। यह छेद इसलिए किया जाता है ताकि बचा हुआ पानी निकल सके। इसके बाद, इस बैग को कसकर बांध लिया जाता है ताकि कहीं से भी हवा आने की कोई गुंजाइश न बचे। खाद में नमी का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
इसलिए उसे हवा से दूर रखा जाता है। इसके बीज या भूसे का रेशियो हर परत में बराबर होना चाहिए। अधिकांश मशरूम की खेती इसी तरह से की जाती है, हालांकि ओएस्टर मशरूम में मिक्स करने की तकनीक का उपयोग होता है। इसका मतलब है कि इसमें कोई लेयर नहीं बनाई जाती है।
और बस ऐसे ही भूसे और बीजों को मिक्स कर दिया जाता है। जब मशरूम का प्लांटेशन पूरा हो जाता है, उसके बाद पॉलीथिन बैग में छेद कर लिए जाते हैं ताकि मशरूम के पौधे बाहर निकल सकें। इसके अलावा इन पौधों को बिल्कुल हवा नहीं लगने दी जाती है। लगभग 15 दिन तक इस फसल को हवा लगने से बचाना होता है।
इसे भी पढ़ें : Real Estate Business कैसे स्टार्ट करें – बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर की पूरी जानकारी
मशरूम प्लांटेशन के लिए स्वच्छ कमरा
इस वजह से मशरूम की फसल को पूरी तरह से कमरे में बंद कर दिया जाता है। जिस कमरे में मशरूम की फसल को बंद किया जाता है, उस कमरे की नमी यानी ह्यूमिडिटी का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। नमी को बनाए रखने के लिए दीवारों पर पानी का छिड़काव किया जाता है।
मशरूम की खेती के लिए एक उचित तापमान और रौशनी वाला कमरा बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए, मशरूम की खेती के लिए एक विशेष कमरा तैयार किया जाता है जहां नमी का सही स्तर बनाए रखने के लिए तापमान को ध्यान में रखा जाता है। इसके अलावा, रौशनी की व्यवस्था के लिए बल्बों का उपयोग किया जाता है जब रौशनी की कमी होती है।
शेड तैयार करना
इस तरह, मशरूम की फसल को अच्छे से उगाने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद होती हैं। मशरूम की खेती करते समय, मशरूम को कमरे में एक अलग तरीके से रखा जाता हैं। मशरूम के पैकेट को या तो लकड़ी या रस्सी की मदद से बांधकर लटका दिया जाता है।
![Mushroom Farming Business Mushroom Farming Business](https://technodahak.com/wp-content/uploads/2024/10/Mushroom-Shed-1024x580.jpg)
फिर इसके लिए एक लकड़ी का शेड/अलमारी तैयार करते हैं, जिसमें जाल बनाया जाता हैं और फिर उस पर पॉकेट्स को रखते हैं। लगभग 15 दिनों के बाद इस कमरे को खुला छोड़ देते हैं। और इसके बाद पंखे का इंतजाम किया जाता है। जब हवा लगती है, तो मशरूम की फसल का रंग सफेद होने लगता है।
इसे भी पढ़ें : Tea Shop Business Plan – चाय का बिजनेस कैसे शुरू करें, जानिए पूरे डिटेल में
मशरूम की खेती कितने दिन में तैयार होती है?
लगभग 30 से 40 दिनों के भीतर, पूरी मशरूम की फसल तैयार हो जाती है और कटाई के लिए उपयुक्त हो जाती है। इतने दिनों के बाद, फल आसानी से दिखने लगता है।
मशरूम फसल की कटाई
![Mushroom Farming Business Mushroom Farming Business](https://technodahak.com/wp-content/uploads/2024/10/Mushroom-Cultivation-1024x580.jpg)
यह बताना जरूरी है कि मशरूम की फसल को काटने के लिए किसी भी तरह के उपकरण का उपयोग नहीं किया जाता है। बल्कि इसे हाथ से ही तोड़ दिया जाता है क्योंकि इससे मशरूम में संक्रमण का खतरा हो सकता है। दोस्तों, यहां एक बात ध्यान देने योग्य है कि जब तक मशरूम को हाथ से तोड़कर इसे बाजार में नहीं बेचते, तब तक हमें इसे ठंडी जगह में रखना चाहिए।
मशरूम को स्टोर करना और बेचना
मशरूम को स्टोर करने के लिए इसे 5 से 8 सेंटीग्रेड के टेम्परेचर पर रखा जाता हैं। और अगर मशरूम को ज्यादा दिनों तक स्टोर करके रखना चाहते हैं, तो इसे नमक के घोल में रखा जाता हैं और फिर कुछ समय बाद मशरूम को मार्केट में बेच दिया जाता हैं।
इसे भी पढ़ें : Soap Making Business In Hindi | साबुन बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें
मशरूम का इस्तेमाल कहां-कहां किया जाता है?
मशरूम की मांग विभिन्न स्थानों पर होती है। इसे आमतौर पर घरों, होटलों और दवाओं की निर्माण कंपनियों में अधिक उपयोग किया जाता है। मशरूम का अधिकांश उपयोग चाइनीज खाने में किया जाता है। इसके अलावा, विदेशों में भी इसकी मांग बहुत अधिक होती है।
मशरूम की खेती में कितना खर्च आता है?
मशरूम की खेती एक अद्वितीय खेती है जो पारंपरिक खेती से अलग होती है। इसे शुरू करके आप अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। मशरूम की खेती में शुरुआती लागत 50,000 से लेकर 1 लाख रुपए तक हो सकती है।
मशरूम की खेती के लिए सरकारी सब्सिडी
हरियाणा सरकार ने मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। इस खेती में रुचि रखने वाले किसानों को सरकार द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। भारत सरकार ने भी 2010 से मशरूम की खेती को प्रमोट करना शुरू किया है। इसके अलावा, महिला किसानों को 50% सब्सिडी और पुरुष किसानों को 40% सब्सिडी प्रदान की जाती है। सरकार द्वारा इस व्यापार को समर्थन मिलने से मशरूम की खेती का व्यापार और बढ़ेगा।
यदि आप भारत सरकार के द्वारा दिए जाने वाले लोन का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको अपने आसपास के कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करना चाहिए। वहां से आप एक लाख से लेकर दस लाख तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन यदि आप बिना सब्सिडी के खेती करने में सक्षम हैं तो आपको कोई पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होती है।
इसे भी पढ़ें : Papad Making Business : कम लागत में ज्यादा मुनाफा देता है ये बिजनेस, ऐसे करें शुरू
मशरूम की मार्केटिंग कैसे करें?
जब मशरूम तैयार हो जाता है, तो उसकी मार्केटिंग करने का समय आता है। अगर आप मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आपको मशरूम को बाजार में बेचना होगा। यदि मशरूम एक हफ्ते से ज्यादा दिन आपके पास रहता है, तो वह खराब हो जाएगा। इसलिए, आपको जल्द से जल्द मशरूम को बाजार में बेचना होगा। चलिए, जानते हैं कि मशरूम की मार्केटिंग कैसे कर सकते है।
आप अपने शहर के आसपास मार्केट में मशरूम बेच सकते हैं। दो-चार लोगों को काम में रखकर गांव-गांव जाकर भी मशरूम बेच सकते हैं। मशरूम का अचार बना कर दुकानों में बेच सकते हैं। किसी बड़े मशरूम के डिस्ट्रीब्यूटर या मशरूम खरीदने वाली कंपनी को भी अपने मशरूम बेच सकते हैं। इसके अलावा होटल और रेस्टोरेंट में भी मशरूम की सप्लाई कर सकते हैं।
मशरूम की खेती से लाभ/कमाई
मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation In Hindi ) एक बहुत ही लाभदायक व्यवसाय है। यह एक ऐसी फसल है जिसे आसानी से उगाया जा सकता है और इससे अच्छी कमाई की जा सकती है। आप एक किलो मशरूम को 25 से 30 रुपए में उगा सकते हैं, जबकि बाजार में इसकी कीमत लगभग 200 से 300 रुपए प्रति किलो तक होती है।
इस तरह से आपको इसमें 10 गुना तक मुनाफा हो सकता है। अगर आप 100 मीटर स्क्वायर के एरिया में मशरूम की खेती करते हैं, तो आपको 1 लाख से 5 लाख रुपए तक का मुनाफा हो सकता है। इसलिए, आजकल लोग इस खेती के जरिए अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं।
इसे भी पढ़ें : Paper Bag Making Business In Hindi – पेपर बैग बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें ?
मशरूम की खेती करने वाले प्रमुख राज्य
दुनिया भर में मशरूम की खेती हजारों सालों से चल रही है, जबकि भारत में मशरूम के उत्पादन का इतिहास लगभग तीन दशक पुराना है। भारत में मशरूम के उत्पादन में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्य हैं, जहां पर मशरूम की खेती बहुतायत की जाती है।
मशरूम के उत्पादन में रखे इन बातों का ध्यान
- भूसा को प्रयोग करने से पहले अच्छी तरह कीटाणु रहित कर ले उसके बाद प्रयोग में लें।
- शुद्ध और नए बीजों का ही प्रयोग करें पुराने बीजों का इस्तेमाल करने से बचें
- जिस जगह पर मशरूम की बुआई कर रहे है वह स्वच्छ होनी चाहिए।
- संक्रमित बैग को बिना लेट किए तुरंत नष्ट कर देना चाहिए।
- उत्पादन के लिए नए स्वच्छ भूसे का इस्तेमाल करें और किसी भी परिस्थिति में भीगे हुए भूसा का प्रयोग ना करें।
- उत्पादन रूम में बैग को रखने से पहले बेबी स्टीन और फॉर्मलिन का 0.1 प्रतिशत घोल, रूम में छिड़काव कर शोधन जरूर कर लें।
- उत्पादन रूम में बिना किसी वजह के आना-जाना ना करें।
इसे भी पढ़ें : How To Start Tiffin Service Business | मात्र 5 से 10 हजार रुपए के Invest से शुरू करे खुद का टिफिन सर्विस सेंटर
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में आपने जाना मशरूम की खेती कैसे करें (Mushroom Ki Kheti Kaise Kare). उम्मीद करता हूं आपको यह जानकारी Mushroom Cultivation In Hindi पसंद आया होगा। और मशरूम की खेती शुरू करने में आपको मदद मिली होगी।
अगर हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आया हो तो हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। और इस पोस्ट को शेयर करना भी ना भूलें। हम आपके लिए ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारी लाते रहेंगे तो आप हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब कर लें।
FAQ’s : Mushroom Farming Business
1. मशरूम की खेती कहां होती है?
मशरूम की खेती मुख्यतः पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, और कर्नाटक में की जाती है।
2. मशरूम की खेती की ट्रेनिंग कहां से लें ?
आप अपने जिले के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से मशरूम खेती की ट्रेनिंग ले सकते है या अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर संपर्क कर सकते है। यहां प्रशिक्षण बिना किसी शुल्क के प्रदान किया जाता है।
3. मशरूम का बीज कहां मिलता है?
मशरूम का बीज लेने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र, या कृषि महाविद्यालय में संपर्क कर सकते है। इसके अलावा आप ऑनलाइन भी खरीद सकते है।
4. मशरूम की खेती के तरीके क्या है?
इसमें सबसे पहले आपको खाद तैयार करना होता है। उसके बाद मशरूम की बुआई की जाती है। हवा लगने से बचाना होता है और जब फसल तैयार हो जाता है तब उसे हाथो से ही तोड़कर मार्केट में बेचा जाता है।
5. घर में मशरूम की खेती कैसे करें?
यदि आप इसे अपने घर में उगाना चाहते हैं, तो सबसे पहले एक प्लास्टिक के बैग में कंपोस्ट खाद के साथ धान-गेहूं का भूसा मिलाकर रखें। फिर कंपोस्ट से भरे बैग में मशरूम के बीज डालें और इसमें छोटे-छोटे छेद करें, इन छेदों की मदद से मशरूम उगने के साथ ही बाहर निकलेंगे।
6. मशरूम की खेती के लिए कितना पैसा चाहिए?
मशरूम की खेती के लिए आपको 50 हजार से 1 लाख रुपए तक का निवेश करना पड़ सकता है। जिसमे आप साल में 3 से 4 लाख तक की कमाई आसानी से कर सकते है।
7. मशरूम की खेती कब और कैसे की जाती है?
मशरूम को सर्दियों के मौसम में उगाया जाता है। क्योंकि इसके उत्पादन के लिए कम तापमान की जरूरत होती है। वैसे तो अलग-अलग मशरूम के साथ साल भर इसका उत्पादन किया जा सकता है।
8. सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाला मशरूम कौन सा है?
सफेद बटन मशरूम और ढिंगरी मशरूम को लोग काफी ज्यादा पसंद करते है। यदि आप इस मशरूम की खेती करते है। तो आप ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते है।