Income Tax Refund Delay : टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खुशखबरी! पेंडिंग इनकम टैक्स रिफंड का इंतज़ार खत्म? CBDT ने किया बड़ा खुलासा

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इस साल इनकम टैक्स रिफंड में देरी (Income Tax Refund Delay) ने कई टैक्सपेयर्स की टेंशन बढ़ा दी है। हफ्तों से लोग इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन अब आखिरकार एक राहत भरी खबर सामने आई है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने साफ संकेत दिया है कि जिन रिफंड्स की जांच लंबित है, उन्हें जल्द ही प्रोसेस कर दिया जाएगा।

Income Tax Refund Delay
Income Tax Refund Delay

PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, CBDT चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि हाई-वैल्यू रिफंड और सिस्टम द्वारा फ्लैग किए गए मामलों की जांच लगभग पूरी होने वाली है। उनका कहना है कि अधिकांश टैक्सपेयर्स को उनका रिफंड इस महीने के भीतर या फिर दिसंबर तक क्रेडिट कर दिया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि लो-वैल्यू रिफंड तो लगातार प्रोसेस किए जा रहे हैं। लेकिन कई फाइलों में गलत डिडक्शन या गलत तरीके से क्लेम किए गए रिफंड सामने आए हैं, जिसकी वजह से कुछ मामलों में अतिरिक्त जांच जरूरी हो गई थी। उनके मुताबिक, बाकी बचे रिफंड भी नवंबर या दिसंबर के अंदर जारी होने की पूरी उम्मीद है।

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आखिर Income Tax Refund Delay क्यों हो रही है?

CBDT के अनुसार रिफंड में हो रही देरी के पीछे कुछ खास वजहें हैं, और विभाग इनके आधार पर ही फाइलों की दोबारा जांच कर रहा है।

  • सबसे पहले, कई टैक्सपेयर्स के रिफंड क्लेम हाई-वैल्यू के हैं। ऐसे मामलों में विभाग को थोड़ी अतिरिक्त जांच करनी पड़ती है, इसलिए प्रोसेसिंग थोड़ा धीमा हो गया है।
  • इसके अलावा, कुछ रिटर्न को सिस्टम ने खुद ही रेड-फ्लैग कर दिया है। वजह—डिडक्शन या क्लेम में गड़बड़ी का शक। ऐसे केस ऑटोमैटिकली जांच की कतार में चले जाते हैं।
  • विभाग को यह भी पता चला है कि कई लोगों ने गलत या जरूरत से ज्यादा डिडक्शन क्लेम कर दिए थे। ऐसे रिटर्न्स को मैन्युअल चेकिंग में भेजा गया है ताकि किसी भी तरह की गलती से बचा जा सके।
  • कुछ मामलों में तो विभाग ने टैक्सपेयर्स को अपना रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने का सुझाव भी दिया है, ताकि सही डाटा के आधार पर रिफंड जारी किया जा सके।

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Income Tax Refund की ग्रोथ अचानक क्यों हुई धीमी?

CBDT चेयरमैन रवि अग्रवाल के मुताबिक, इस साल इनकम टैक्स रिफंड का कुल आंकड़ा पिछली बार की तुलना में कम रहा है। मतलब साफ है। इस साल कम लोगों को रिफंड मिला है या कम रिफंड जारी किए गए हैं।

इस गिरावट की दो बड़ी वजहें भी सामने आई हैं। पहली वजह, इस साल TDS दरों में हुए बदलाव। नए स्ट्रक्चर के कारण कई टैक्सपेयर्स का टैक्स पहले ही कम कट गया, इसलिए उन्हें रिफंड की जरूरत ही नहीं पड़ी।

दूसरी वजह यह है कि इस बार पहले की तुलना में कम लोगों ने रिफंड क्लेम किया। जब क्लेम की संख्या ही कम हो गई, तो स्वाभाविक है कि कुल रिफंड ग्रोथ भी नीचे दिखाई देगी। यानी सरल शब्दों में TDS में बदलाव + कम रिफंड क्लेम की वजह से इस साल रिफंड ग्रोथ में गिरावट दर्ज की गई है।

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Income Tax Refund देर से क्यों आ सकता है?

टैक्स रिफंड लेट आने के पीछे सिर्फ सिस्टम संबंधी वजहें ही नहीं होतीं, कई बार व्यक्तिगत कारण भी देरी का बड़ा कारण बन जाते हैं। कई टैक्सपेयर्स को यह बात पता भी नहीं होती कि छोटी-सी गलती या मिसमैच भी रिफंड को हफ्तों तक रोक सकता है। यहाँ कुछ ऐसे ही कारण दिए जा रहे हैं।

  • अगर आपका रिफंड ₹1 लाख से ज्यादा का है, तो विभाग उसकी अतिरिक्त जांच करता है। ऐसे मामलों में प्रोसेसिंग स्वाभाविक रूप से धीमी हो जाती है।
  • जिन रिटर्न में विदेशी आय, कैपिटल गेन या कई अलग-अलग इनकम सोर्स शामिल होते हैं, उन्हें मैन्युअल चेकिंग से गुज़रना पड़ता है, इसलिए ऐसे रिटर्न थोड़ा ज्यादा समय लेते हैं।
  • अगर आपने संशोधित (Revised) रिटर्न फाइल किया है, तो उसकी प्रोसेसिंग का समय सामान्य रिटर्न की तुलना में बढ़ जाता है।
  • कई बार लोग रिटर्न तो भर देते हैं लेकिन ई-Verify करना भूल जाते हैं। ऐसी स्थिति में रिफंड आगे बढ़ ही नहीं पाता।
  • Form 26AS, AIS या बैंक/नियोक्ता के डाटा से ज़रा सा भी mismatch मिल जाए, तो विभाग रिटर्न को होल्ड कर देता है और दोबारा मिलान शुरू हो जाता है।
  • बैंक, नियोक्ता या किसी अन्य संस्था द्वारा रिपोर्ट किए गए आंकड़ों से आपके रिटर्न का डेटा मेल न खाए, तो भी केस आगे जांच में चला जाता है।

आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, 1 अप्रैल से 10 नवंबर के बीच जारी किए गए टैक्स रिफंड में लगभग 18% की गिरावट दर्ज की गई है। इस अवधि में कुल रिफंड राशि करीब ₹2.42 लाख करोड़ से ऊपर रही।

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रिटर्न की आखिरी तारीख में हुआ बड़ा बदलाव!

इस साल CBDT ने ITR फॉर्म में किए गए बदलाव और नए सिस्टम की अपग्रेडेशन प्रक्रिया को देखते हुए रिटर्न फाइलिंग की समयसीमा बढ़ाने का फैसला लिया था। पहले व्यक्तिगत करदाताओं के लिए ITR भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई तय थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया।

बाद में जब सिस्टम से जुड़ी कुछ तकनीकी दिक्कतें सामने आईं तो डेडलाइन को एक दिन और बढ़ाया गया और अंतिम तारीख 16 सितंबर कर दी गई।

इस पूरी एक्सटेंशन का उद्देश्य सिर्फ इतना था कि नए सिस्टम पर ट्रांजिशन के दौरान किसी भी टैक्सपेयर को परेशानी न हो और हर कोई अपना रिटर्न आराम से और बिना किसी तकनीकी बाधा के फाइल कर सके।

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Conclusion

इस साल Income Tax Refund Delay ने टैक्सपेयर्स को काफी परेशान किया, लेकिन CBDT के अनुसार अधिकांश लंबित रिफंड जल्द जारी हो जाएंगे। हाई-वैल्यू मामलों की जांच लगभग पूरी है। अगर आपका रिफंड अभी तक नहीं आया है, तो ई-Verify, AIS/26AS और बैंक डिटेल्स मिलान कर लेना जरूरी है। जल्द अपडेट मिलने की उम्मीद है।

FAQ’s : Income Tax Refund Delay 2025 से जुड़े सवाल

मेरा इनकम टैक्स रिफंड अभी तक क्यों नहीं आया?

रिफंड लेट होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं—जैसे हाई-वैल्यू रिफंड, गलत डिडक्शन, डेटा mismatch, ई-Verify न करना या मैन्युअल जांच में फंसना।

CBDT के अनुसार Income Tax Refund Kab Tak Aayega

अधिकांश लंबित रिफंड नवंबर महीने या दिसंबर तक जारी किए जाने की संभावना है।

क्या संशोधित (Revised) रिटर्न से रिफंड में देरी होती है?

हाँ, Revised Return की प्रोसेसिंग सामान्य रिटर्न से अधिक समय लेती है।

ई-Verify न करने पर क्या रिफंड मिलता है?

नहीं। जब तक आपका ITR ई-Verify नहीं किया जाता, रिफंड प्रोसेस ही नहीं होता।

Form 26AS या AIS mismatch कैसे ठीक करें?

आपको अपने बैंक, नियोक्ता या संबंधित संस्था से डेटा सही करवाना होता है और फिर सही डिटेल्स के साथ रिटर्न अपडेट या रिज़ॉल्व करना पड़ता है।

क्या बड़े रिफंड पर जांच ज्यादा होती है?

हाँ, ₹1 लाख से ऊपर के रिफंड में अतिरिक्त जांच होती है, इसलिए ऐसे मामलों में देरी सामान्य है।

क्या इस साल रिफंड ग्रोथ कम हुई है?

हाँ, आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल से 10 नवंबर तक रिफंड में लगभग 18% की गिरावट दर्ज की गई है।

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